आजमगढ़। राममंदिर निर्माण के लिए समर्पण निधि एकत्र किया जा रहा है। देश-दुनिया से लोग अपनी श्रद्धा-भक्ति के अनुसार निधि समर्पण कर रहे। लेकिन कांग्रेस के एक नेता को राममंदिर के लिए चंदा देना महंगा पड़ गया है। पार्टी ने उन्हें पद से हटा दिया है। पार्टी द्वारा की गई कार्रवाई से समर्थक भी स्तब्ध हैं।
दरअसल कांग्रेस पार्टी के अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष व पूर्वांचल प्रभारी पंकज मोहन सोनकर ने बीते 29 जनवरी को राममंदिर निर्माण के लिए 51 हजार रुपये दिए थे। मंदिर निर्माण में चंदा देने की खबर जैसे ही पार्टी के आला अधिकारियों को लगी, इसका विरोध होना शुरू हो गया। श्री सोनकर के मोबाइल पर वरिष्ठ नेताओं का फोन आने लगा। सभी कांग्रेस नेताओं का यही कहना था कि आखिर आरएसएस के माध्यम से समर्पण राशि क्यों दी। ऐसा नहीं करना चाहिए था। विवाद इतना बढ़ गया कि श्री पंकज को कांग्रेस ने पार्टी उनका पद ही छीन लिया।
पद से हटाये जाने के बाद पंकज मोहन सोनकर ने कहा कि भगवान राम के प्रति उनकी आस्था है। पार्टी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए। नगर के हरबंशपुर मोहल्ला निवासी पंकज मोहन सोनकर काफी लंबे समय से कांग्रेस की राजनीति कर रहे हैं। पार्टी ने इन्हें युवा कांग्रेस का अध्यक्ष व लालगंज का प्रभारी बनाया था।
वर्ष 2019 में जब पार्टी ने इन्हें आजमगढ़ जिले के लालगंज सुरक्षित लोकसभा क्षेत्र से प्रत्याशी बनाया तो इनका कद और बढ़ गया। समाजवादी पार्टी और बहुजन समाजवादी पार्टी के गठबंधन में पंकज मोहन सोनकर को हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद पार्टी ने इन्हें अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ का प्रदेश उपाध्यक्ष बनाने के साथ ही पूर्वांचल प्रभारी की भी जिम्मेदारी सौंप दिया।
श्री पंकज ने बताया कि बुधवार की रात पार्टी मुख्यालय से मेल आया कि निस्कृयता के कारण उन्हें पद से हटा दिया गया है। पंकज का दावा है कि निष्कृयता का आरोप पूरी तरह निराधार है। वह पार्टी के सभी कार्यक्रमों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते रहे हैं। वे 23 व 26 जनवरी को पार्टी के कार्यक्रम में रहे।
उन्होंने कहा कि एक तरफ कांग्रेस राजीव गांधी के द्वारा मंदिर का ताला खोलने की बात कहकर मंदिर निर्माण का श्रेय लेने की कोशिश कर रही है। प्रियंका गांधी मौनी आमवस्या को संगम में स्नान कर रही हैं और राहुल गांधी खुद को शिवभक्त बताते फिर रहे हैं। वहीं, उन्हें सिर्फ पद से इसलिए हटा दिया गया कि मंदिर निर्माण में चंदा दे दिया।