मधुबनी। प्रखंड नियोजन इकाई के द्वारा कक्षा पहली से पांचवी के अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग गुरुवार को हंगामेदार रही। भारी बारिश से जलमग्न वाटसन प्लस टू और मध्य विद्यालय परिसर में दस हजार से अधिक अभ्यर्थी दस बजते पहुंच गये। लेकिन प्रखंड नियोजन इकाई की तैयारी काफी लचर रही।
इसका परिणाम यह हुआ कि फुलपरास और बासोपट्टी प्रखंड की काउंसिलिंग को रद्द करना पड़ा। बेनीपट्टी और पंडौल की काउंसिलिंग भी तकनीकी कारणों से पहले ही स्थगित करना पड़ा है। इन प्रखंडों के लिए अभ्यर्थियों के हुजूम ने रद्द करने की खबर सुनते ही भड़क गए। तथा प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे।
प्रशासन की लचर व्यवस्था और मनमानी से नाराज अभ्यर्थियों ने कर्मी और अधिकारियों पर जमकर भड़ास निकाला। जिससे चारों तरफ अफरातफरी मच गयी। कीचड़ और जलजमाव से पटे परिसर में भीड़ लगभग दो घंटे तक भागती रही। चारों तरफ अभ्यर्थियों का हुजूम अपने निर्धारित काउंटर को खोजने में भाग दौड़ करते नजर आए। हालांकि डीइओ नसीम अहमद अपनी टीम के साथ काउसिंलिंग केंद्र पर काफी पहले पहुंच चुके थे। लेकिन अधिकतर प्रखंड नियोजन इकाई की तैयारी सिफर रहा। जिससे अभ्यर्थियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
प्रखंडों में काउंसिलिंग को रद्द करने को लेकर डीइओ नसीम अहमद ने प्रखंड नियोजन इकाई के खिलाफ डीएम को अपनी रिपोर्ट भेज दी है। उन्होंने बताया कि कार्रवाई की अनुशंसा की गयी है। तथा मुख्यालय को भी इसकी जानकारी दी गयी है। जानकारी मिलते ही सदर एसडीएम अभिषेक रंजन भी पहुंच गये और उन्होंने स्थिति को संभाला। उनके समझाने के बाद अभ्यर्थी शांत हुए। इसके बाद अन्य प्रखंडों में काउंसिलिंग लगभग दो घंटे बिलंब से शुरू हो सका।
प्रशासनिक तैयारी पर उठे सवाल-
शिक्षक नियोजन को लेकर मुख्यालय से जारी निर्देश के आलोक में सभी एसडीओ को अपने संबंधित प्रखंडों में नियोजन प्रक्रिया की मॉनिटरिंग की जबावदेही दी गयी है।
डीएम अमित कुमार ने इसके लिए आदेश पत्र जारी किया है। हर स्तर पर नोडल आफीसर बनाये गये हैं। लेकिन जारी काउंसिलिंग में व्याप्त कुव्यवस्था से पूरी तैयारी की पोल खुल गयी है। गुरुवार को हुए हंगामे और हजारों अभ्यर्थियों की हुई परेशानी के रुप में सामने आया है।
हालत यह है कि पंचायत नियोजन इकाई की काउंसिलिंग 12 को प्रखंड मुख्यालय पर है। लेकिन जिले के 148 पंचायतों ने अपनी मेधा सूची का अनुमोदन जिला मुख्यालय से नहीं कराया है। जिससे पूरी प्रक्रिया पर सवाल उठना लाजिमी हो गया है।