मुंबई,देशज टाइम्स। पालघर के शहीद चौक पर बुधवार को हजारों लोगों ने एकत्र होकर 14 अगस्त 1942 को शहीद हुए स्वत्रंतता सेनानियों को याद कर उन्हें भावपूर्ण श्रदांजलि दी। 14 अगस्त 1942 को पालघर के तारापुर, धिवली, वडराई, सातपाटी, शिरगांव, बोईसर, नवापुर, मनोर, सफाला आदि गांवों के राष्ट्रसेवा दल के हजारों सदस्य ‘अंग्रेजों भारत छोड़ो’, ‘चले जाओ’, ‘करेंगे या मरेंगे’ आदि नारे लगाते हुए पालघर तहसील कार्यालय पर आंदोलन करने पहुंचे थे।
हजारों की भीड़ में आंदोलनकारी जैसे ही पालघर पूर्व स्थित शहीद चौक पहुंचे, तभी अंग्रेज पुलिस अधिकारियों ने उन पर गोलियां बरसानी शुरू कर दी थी। इस गोलीबारी में काशीनाथ हरी पागधारे, गोविंद गणेश ठाकुर, रामप्रसाद भीमशंकर तिवारी, सुकुर गोविंद मोरे व रामचंद्र महादेव चूरी शहीद हो गए। शहीदों ने आखिरी सांस तक तिरंगे को जमीन पर नहीं गिरने दिया और उसे अपने सीने पर लगाकर दम तोड़ा था। शहीदों की याद में 14 अगस्त 1943 से इस चौक पर हजारों की संख्या में लोग जुटते हैं और तिरंगे का चक्र बनाकर उन शहीदों को श्रदांजलि अर्पित करते हैं। इस दौरान सामाजिक संस्थाएं, छात्र-छात्राएं, राजनीतिक पार्टियां, सरकारी कर्मचारी, व्यापारी आदि सभी लोग मिलकर शहीदों को याद करते हैं। शहीदों की याद में 14 अगस्त को पालघर बंद रखा जाता है।