सुपौल, देशज टाइम्स। बलुआ गांव में पूर्व सीएम डॉ जगन्नाथ मिश्र की अंत्येष्टि में गार्ड ऑफ ऑनर के दौरान 22 में से एक भी राइफल से गोली नहीं चलने पर तरह- तरह की चर्चा होने लगी है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 1996 के बाद कारतूस की खरीदारी ही नहीं की गई है। अंतिम संस्कार के बाद जब हथियार व ब्लैंक गोली की जांच की गई तो पाया गया कि 5 में से 3 गोलियां ही फायर हुईं।
जानकार बताते हैं, अगर इसकी उच्च स्तरीय जांच की गई तो सच्चाई सामने आ जाएगी। डीआईजी सुरेश चौधरी ने बताया कि प्रथम दृष्टया आर्म्स देखभाल करने वाले प्रभारी की लापरवाही पाई गई है। सुपौल पुलिस लाइन के आर्मरर कोक प्रभारी वीरेंद्र सिंह को तत्काल प्रभार से निलंबित कर दिया गया है।