नई दिल्ली, देशज न्यूज। दुनिया में फैली महामारी के बीच तमाम देश कोरोना की वैक्सीन बनाने में जुटे हुए हैं। ऐसे में कई वैक्सीन ऐसे हैं जो अपने तीसरे और अंतिम चरण के ट्रायल में पहुंची चुकी हैं।
लेकिन अबतक वैक्सीन के स्थान पर एक विकल्प के रूप में एंटी वायरल दवा रेमडेसिवीर को अपनाया जा रहा है. हालांकि अब विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इस दवा के इस्तेमाल को लेकर आगाह किया है. संगठन का दावा है कि इस दवा से हल्के या गंभीर लक्षण वाले कोरोना मरीजों के ठीक होने के किसी प्रकार के सबूत नहीं मिले हैं।
संगठन ने अपने नई दिशानिर्देश में कहा कि पैनल को रेमडेसिवीर के बाबत किसी प्रकार के सबूत नहीं मिला है, ताकि ये पता चल सके कि इस दवा के इस्तेमाल के बाद मृत्युदर में कमी आई हो या फिर मरीजों को मैकेनिकल वेंटिलेशन की जरूरत हुई हो।
बता दें कि इस एंटी वायरल दवाई को सबसे पहले इबोला वायरस के इलाज के लिए बनाया गया था, लेकिन इस दवा को इबोल के इलाज में ज्यादा सफलता नहीं मिली।
हालांकि कोरोना महामारी फैलने के बाद इस दवा का इस्तेमाल कोरोना के मरीजों पर किया जाने लगा. कुछ मामलों में रेमडेसिवीर के परिणाम काफी अच्छे भी आए थे। इस कारण दुनियाभर के कई देशों में इस दवा के इस्तेमाल को मंजूरी दे दी गई थी। हालांकि इन दवाओं का इस्तेमाल केवल अपातकालीन अवस्थाओं में ही करने की मंजूरी मिली थी।