दरभंगा, देशज टाइम्स ब्यूरो। भ्रूण हत्या आज हमारे समाज की उस बीमारी की तरह है जिसपर रोक नहीं लगी तो देश की भावी पीढ़ी तबाह हो जाएगी। लिंगानुपात का घटना हमारे समाज के लिए भारी तबाही लेकर आने वाला है। मगर हम सचेत होने को कतई तैयार नहीं दिख रहे। बेटियां पैदा लेने से पहले ही मारी जा रही हैं। उनके साथ समाज दोयम दर्जे का व्यवहार आज भी कर रहा है जबकि बेटियां समाज की आज हर स्तर पर अगुवा बन रही हैं बावजूद उनके उत्थान, सुरक्षा व सहभागिता के बेहतरीन प्रयास नहीं हो रहे जो सही व उपयोगी होने के साथ लड़कियों के आत्मरक्षार्थ हो। यह बात छनकर आई गृह विज्ञान विभाग में । मौका था विभागीय व्याख्यान के आयोजन का। शुक्रवार को गृह विज्ञान विभाग व महिला अध्ययन केंद्र के विशेष तत्वावधान में विभागीय व्याख्यान आयोजित कर भ्रूण हत्या पर रोक के लिए सार्थक कदम उठाने व सामाजिक सरोकार को जीवंत करते हुए आत्ममंथन पर जोर दिया गया। व्याख्यान का विषय आज के संदर्भ में कन्या भ्रूण हत्या की चुनौतियां थी। व्याख्यान को एमएसकेवी कॉलेज, मुजफ्फरपुर की सेवानिवृत्त प्रोफेसर मालती सिंह ने विभागीय हॉल में प्रस्तुत किया। उन्होंने समाज में फैले लिंग असमानता को कन्या भ्रूण हत्या का कारण माना।
उन्होंने कहा कि पितृसत्तात्मक सोच की वजह से गर्भ में ही लड़कियों की हत्या कर दी जाती है जबकि आज लड़कियां हर क्षेत्र में बेहतरीन प्रदर्शन कर रही हैं। उन्होंने उदारहण देते हुए बताया कि मेरी शादी बचपन में ही हुई लेकिन मैंने अपनी इच्छाशक्ति के बल पर विवाह के पश्चात उच्च शिक्षा हासिल की और आपके सामने व्याख्यान प्रस्तुत कर रही हूं। लड़कियों में बहुत ही साहस व हिम्मत होती है। उन्हें कम नहीं समझना चाहिए। स्वागत विभागाध्यक्ष डॉ. निर्मला झा ने किया। धन्यवाद ज्ञापन पूर्व अध्यक्ष डॉ. श्यामा चौधरी ने किया। संचालन महिला अध्ययन की को-कॉर्डिनेटर डॉ. चित्रलेखा अंशु ने किया। मौके पर गृह विज्ञान विभाग की डॉ. उषा झा, शोधार्थी दिलीप सहित विभागीय छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित थे।