अप्रैल,26,2024
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चातुर्मास 12 जुलाई से, 4 माह आठ नवंबर तक नहीं होंगे मांगलिक कार्य, 17 से श्रावण मास शुरू

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दरभंगा, देशज टाइम्स। देवशयनी एकादशी के अवसर पर 12 जुलाई से चातुर्मास प्रारम्भ हो रहा है। इसी दिन बृहस्पति भी अस्त हो जाएंगे। इसलिए चार महीनें तक अब मांगलिक कार्य नहीं होंगे। चातुर्मास के दौरान संन्यासी एक स्थान पर प्रवास करते हुए साधना करेंगे। चातुर्मास प्रतिवर्ष आषाढ़ मास शुक्ल पक्ष की एकादशी से कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी के बीच पड़ता है। इस वर्ष यह 12 जुलाई से आठ नवंबर तक है। आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी को ही देवशयनी एकादशी कहा जाता है। कहीं-कहीं इस तिथि को ‘पद्मनाभा’ भी कहते हैं। सूर्य के कर्क राशि में आने पर यह एकादशी आती है। इसी दिन से चातुर्मास का आरंभ माना जाता है।
चार माह सत्ता शिव के पासः ज्योतिर्विद डॉ. वासुदेव का कहना है कि हिंदी कैलेंडर के चार माह- सावन, भादों, अश्विन (क्वार) और कार्तिक बड़े ही महत्वपूर्ण हैं। यह परिवर्तन का कालखंड है। इस अवधि में न केवल प्रकृति में परिवर्तन होता है बल्कि सूर्य-चन्द्रमा के तेज में भी बदलाव नजर आता है। सर्वाधिक ध्यान योग्य यह है कि इस कालावधि में सत्ता का भी हस्तान्तरण हो जाता है। भगवान श्री हरि विष्णु जब इन चार महीनों के लिए योगनिद्रा में चले जाते हैं तो त्रैलोक का पूरा प्रभार भगवान शिव के पास आ जाता है। वह ही पालनकर्ता भगवान विष्णु का भी काम देखते हैं। यही कारण है सावन में भगवान शिव की विशेष पूजा होती है। चार माह का  यह कालखंड ‘चातुर्मास’ कहलाता है। चातुर्मास में व्रती को रात्रि को तारों के दर्शन के बाद एक समय भोजन करना चाहिए। धर्म शास्त्रों के अनुसार चतुर्मास में गुड़ का सेवन का बंद कर देना चाहिए। धर्म शास्त्रों में यह भी कहा गया है कि इस दौरान फर्श पर ही शयन करना चाहिए।
श्रावण मास 17 जुलाई सेः  17 जुलाई से इस बार श्रावण मास प्रारम्भ हो रहा है। यह महीना भगवान शंकर को अत्यधिक प्रिय है। चूंकि इस बार श्रावण से एक दिन पहले यानी पूर्णिमा को चंद्र ग्रहण का योग है। इसलिए श्रावण मास में किया गया पूजन अर्चन और अभिषेक अनंत पुण्य देने वाला होगा। श्रावण मास में इस बार चार सोमवार पड़ रहे हैं, जो 22 व 29 जुलाई तथा चार और 11 अगस्त को है। आचार्य ने बताया कि श्रावण माह में रुद्राभिषेक का विशेष महत्व है। चातुर्मास और श्रावण महीने को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं।चातुर्मास 12 जुलाई से, 4 माह आठ नवंबर तक नहीं होंगे मांगलिक कार्य, 17 से श्रावण मास शुरू

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