पत्थरगढ़ी का विरोध करने वाले सात ग्रामीणों के शव बरामद
- सभी 7 लोगों के शव बुरुगुलीकेरा गांव से बरामद
- प.सिंहभूम में गुदड़ी थाना के बुरुगुलीकेरा गांव में बड़ी वारदात, सातों लोग एक ही गांव के
- रविवार की घटना, दो दिन बाद एसपी के नेतृत्व में पुलिस ने शुरू किया सर्च ऑपरेशन
- मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी बुधवार को दिल्ली से लौटने के बाद चाईबासा जा सकते हैं
- पुलिस का नक्सली घटना से इनकार
रांची, देशज न्यूज (Deshaj News)। पश्चिमी सिंहभूम (चाईबासा) जिले के सोनुवा थाना क्षेत्र के बुरुगुलीकेरा के उपमुखिया जेम्स बूढ़ सहित सात लोगों के शव पुलिस ने बुधवार सुबह बरामद कियेे हैं। पत्थरगढ़ी का विरोध करने पर इन लाेगों काे रविवार को अपहरण किया गया था और उसी रात सभी की हत्या कर दी गई थी। पुलिस नक्सली घटना से इनकार कर रही है।
बुधवार को एडीजी अभियान पुलिस प्रवक्ता मुरारी लाल मीणा ने बताया, सभी 7 लोगों के शव बुरुगुलीकेरा गांव से बरामद कर लिया गया है। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है। उन्होंने मामले में नक्सली घटना से इंकार किया है। अपहरण कर जंगल में ले जाकर मार डाले गये लोगों में पश्चिमी सिंहभूम (चाईबासा) जिले के गुदड़ी प्रखंड के बुरुगुलीकेरा के उपमुखिया जेम्स बूढ़ भी शामिल हैं।
बताया गया है कि यह वीभत्स नरसंहार रविवार रात को ही हुआ है, लेकिन इसका खुलासा मंगलवार की दोपहर बाद हुआ। बुरुगुलीकेरा गांव सोनुआ से 35 किलोमीटर दूर सुदूर जंगल और अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र में है। इस कारण पुलिस वहां पहुंचने में सुरक्षा के दृष्टिकोण से काफी सावधानी बरत रही है।
रविवार को गांव में पत्थलगड़ी समर्थकों ने ग्रामीणों के साथ बैठक की थी। इस बैठक में विवाद बढ़ने पर पत्थलगड़ी समर्थकों ने विरोध करने वाले उपमुखिया जेम्स बूढ़ और सहित अन्य लोगों को पीटने लगे। इसके बाद पत्थलगड़ी समर्थक उप मुखिया जेम्स बूढ़ और अन्य छह लोगों को उठाकर जंगल में ले गए। रविवार रात सभी लोगों की हत्या कर दी गई। लेकिन मंगलवार दोपहर को पुलिस को उप मुखिया जेम्स बूढ़ और अन्य छह लोगों की हत्या कर उनका शव जंगल में फेंके जाने की सूचना मिली थी।
अति नक्सल प्रभावित इलाका होने के कारण पुलिस फूंक-फूंक कर कदम उठा रही है। इलाके में इस बात की हमेशा आशंका बनी रहती है कि कहीं नक्सली लैंड माइंस विस्फोट न कर दें। कांग्रेस-राजद और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) गठबंधन सरकार की शपथ के बाद उसी दिन पहली कैबिनेट में पत्थलगड़ी मामले में देशद्रोह सहित सभी मुकदमे वापस लेने के फैसले के 22 दिन बाद ही 7 पत्थलगड़ी विरोधियों की सामूहिक हत्या कर दी गई।
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