अप्रैल,23,2024
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हिसार में ब्लैक फंगस के शिकार 26 प्रतिशत मरीजों की मौत, उपचार के चलते 12 प्रतिशत के अंग निकाले

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हिसार। जिले में मरीजों के लिए ब्लैक फंगस बहुत अधिक खतरनाक साबित हो रहा है। ब्लैक फंगस से मौत के अलावा काफी लोगों को अपनी आंख, जबड़ा तक गंवाना पड़ा है।हिसार जिले में 13 मई को ब्लैक फंगस का पहला मामला मिला था। इसके चलते प्रशासन ने ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए अग्रोहा मेडिकल कॉलेज में विशेष वार्ड बनाया गया है।
अब तक यहां 290 मरीज दाखिल हो चुके हैं, जिसमें 76 की मौत हो चुकी है, वहीं 35 मरीजों ने अंग गंवाए हैं जिनमें 12 मरीजों की आंख निकाली गई। आंकड़ों के अनुसार ब्लैक फंगस का शिकार हुए करीब 26 प्रतिशत मरीज की मौत हुई है। करीब 12 प्रतिशत मरीजों को अपने अंग गवांने पड़े हैं।
कुछ मरीजों के आधे जबड़े भी निकाले गए हैं।मेडिकल कॉलेज द्वार मीडिया को जानकारी देने के लिए नियुक्त किए गए डा. अनूप ग्रोवर का कहना है कि ब्लैक फंगस के मरीजों को बचाने के लिए हमारी टीम भरसक प्रयास कर रही है।
रोजाना 10 से 12 ऑपरेशन किए जा रहे हैं। हमारा स्टाफ बिना अवकाश लगातार ड्यूटी देते हुए ऑपरेशन कर रहा है। देर रात तक ऑपरेेशन चलते हैं। देर रात तक ऑपरेेशन चलते हैं। दवा की कमी उपचार में बाधक बनी हुई है जो ब्लैक फंगस मरीजों के लिए खतरनाक है।

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