अप्रैल,19,2024
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अन्नदाताओं पर रहेगा दिल्ली में पहरा, किसानों ने नई दिल्ली में प्रवेश किया तो पुलिस बरतेगी सख्ती !

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नई दिल्ली। पिछले सात महीनों से आंदोलन कर रहे किसान और दिल्ली पुलिस एक बार फिर आमने-सामने हैं। पुलिस जहां उन्हें संसद के पास आने से रोकना चाहती है, तो वहीं किसान जंतर-मंतर पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन के लिए अड़े हुए हैं। उनके बीच तीन राउंड की बातचीत फेल हो चुकी है। ऐसे में अगर किसान प्रदर्शन के लिए जबरन नई दिल्ली में प्रवेश करते हैं, तो उन्हें पुलिस के सख्त एक्शन का सामना करना पड़ सकता है।

 

जानकारी के अनुसार, किसान नेताओं ने 22 जुलाई को संसद घेराव की बात कही है। हालांकि बाद में उन्होंने स्पष्ट किया कि 200 किसान संसद भवन की जगह जंतर-मंतर पर इक्टठा होकर शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन करेंगे। वही दिल्ली पुलिस उन्हें प्रदर्शन के लिए नई दिल्ली से बाहर जगह देने की बात कह रही है।

 

सात माह से प्रदर्शन कर रहे किसानों से फिलहाल सरकार की कोई बात नहीं हो रही है। इसलिए पुलिस अपने स्तर पर उनसे बातचीत कर उन्हें नई दिल्ली आने से मना कर रही है। इसे लेकर कई बार उनके बीच बातचीत भी हुई, लेकिन यह बैठकें बेनतीजा रहीं।

दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रदर्शन करने वाले किसान नेताओं पर पिछली बार उन्होंने भरोसा किया था। उन्हें ट्रैक्टर रैली निकालने के लिए दिल्ली पुलिस ने रूट दिया था। इस पर किसान नेता तैयार भी हुए थे, लेकिन उन्होंने पुलिस के साथ हुए इस समझौते का उल्लंघन किया था।

 

जगह-जगह प्रदर्शनकारियों ने पुलिस बैरिकेड तोड़े, पुलिसकर्मियों को चोट पहुंचाई और लाल किला जाकर उपद्रव किया। इसे लेकर विभिन्न थानों में एफआईआर दर्ज हैं और कई आरोपित गिरफ्तार भी हो चुके हैं। फिलहाल यह मामला कोर्ट में चल रहा है।

इसलिए पुलिस इस बार किसान नेताओं पर भरोसा करने की स्थिति में नहीं है। यही वजह है कि उन्हें जंतर-मंतर पर प्रदर्शन की इजाजत नहीं दी जा सकती। वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस बार किसान आंदोलन और उनकी घोषणा को लेकर पुलिस पूरी तरीके से तैयार है।

पिछली बार पुलिस ने किसान नेताओं द्वारा किये गए उपद्रव को लेकर कोई जवाबी कार्रवाई नहीं की थी, लेकिन इस बार अगर आंदोलनकारियों ने किसी भी तरह से कानून का उल्लंघन किया तो उन्हें पुलिस की सख्ती का सामना करना पड़ सकता है।

पुलिस ऐसे प्रदर्शनकारियों पर हल्का बल इस्तेमाल करने से नहीं चुकेगी। इसके अलावा उन्हें कानूनी कार्रवाई का भी सामना करना पड़ेगा। पुलिस यह साफ कर चुकी है कि किसी भी हालत में उन्हें नई दिल्ली के क्षेत्र में दाखिल नहीं होने दिया जाएगा।

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