कोलकाता। पश्चिम बंगाल में चुनाव के बीच बेलगाम गति से बढ़ रहे कोरोना महामारी के बीच मतदाताओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए चुनाव आयोग ने आज सर्वदलीय बैठक बुलाई है। संभावना जताई जा रही है कि छठे, सातवें और आठवें चरण के मतदान के लिए प्रचार पर रोक लग सकती है।
चुनाव आयोग के सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय चुनाव आयुक्त और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से सलाह के बाद यह बैठक बुलाई गई है। मूल रूप से बाकी बचे चरणों में चुनाव प्रचार पर रोक लगाए जाने की योजना है ताकि रैलियों और जनसभाओं के जरिए हो रही भारी भीड़ को नियंत्रित किया जा सके। इसके अलावा मतदान वाले दिन मास्क के इस्तेमाल, सैनिटाइजेशन, शारीरिक दूरी का पालन और अन्य कोविड से बचाव के प्रोटोकॉल का पालन करते हुए महामारी रोकथाम की जा सकती है।
पहले संभावना जताई जा रही थी कि 17 अप्रैल को पांचवें चरण के मतदान के बाद 22 अप्रैल को छठे चरण के मतदान वाले दिन ही सातवें और आठवें चरण का भी मतदान कराया जा सकता है लेकिन आयोग ने इसे खारिज कर दिया है।
उधर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक चरण में ही बाकी बचे विधानसभा क्षेत्रों में मतदान कराने की मांग की है। उन्होंने इशारे इशारे में इस बात की भी चेतावनी दी है कि अगर चुनाव प्रचार पर रोक लगाई जाएगी तो वह स्वीकार नहीं करेंगी। हालांकि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखकर साफ कर दिया है कि उनकी पार्टी अगर चुनाव भी बंद होगा तो उसके लिए भी तैयार है लेकिन कोरोना के बीच लोगों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। भाजपा ने इस बारे में कोई संकेत नहीं दिया है लेकिन सूत्रों ने बताया है कि आयोग अगर प्रचार पर रोक लगाता है तो पार्टी इसका स्वागत करेगी।