बक्सर। कोरोना विस्फोटक के इस दौर में भी प्रशासन की लापरवाही कई बार उजागर हो रही है |बक्सर का संसदीय क्षेत्र केन्द्रीय राज्य स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्री के अधिनस्त है |बावजूद बक्सर सदर अस्पताल की स्थिति यह है कि वेंटिलेटर के अभाव में कोरोना पीड़ित समुचित ईलाज के अभाव में दम तोड़ रहे है |
गौरतलब है कि गत वर्ष कोरोना के प्रथम चरण में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री आश्विनी चौबे ने सदर अस्पताल बक्सर को तीन वेंटिलेटर दिया था लेकिन मौजूदा समय में उक्त तीनो ही वेंटिलेटर सिल पैक डब्बो में बंद पड़े है |इस बाबत पूछने पर अस्पताल प्रबंधक का कहना है कि सदर अस्पताल में एक वर्ष से तीन वेंटिलेटर रखे तो है पर प्रशिक्षित ओपरेटर के अभाव इसे खोला नही गया है।the resources are deteriorating ,the dying carona
अस्पताल चिकित्सको का कहना है वेंटिलेटर जैसे उपकरणों की वारंटी एक साल की ही होती है |जो अब खत्म हो गयी है। चिकित्सक सुधीर कुमार सिंह का कहना है कि साँस लेने में तकलीफ होने पर गम्भीर रूप से पीड़ित लोगो को वेंटिलेटर काफी सहायक सिद्ध होता है | हम खाली हाथ ईलाज नही कर सकते |
मुफस्सिल थाना के छोटका नुआव ग्राम निवासी सच्चिदानंद सिंह की पत्नी निरुपमा (32 ) ने कोरोना पीड़ित होने के बाद 48 घंटे पूर्व वेंटिलेटर के अभाव में दम तोड़ दिया |निरुपमा की मौत को लेकर सदर प्रखंड के चिकित्सा पदाधिकारी सह कोविड -19 के नोडल अधिकारी डॉ सुधीर कुमार ने बताया की गम्भीर हालत में आई निरुपमा का आक्सीजन लेबल 35 से भी कम था जिन्हें तत्काल वेंटिलेटर देने की आवश्यकता थी पर हम अभाव बस निरुपमा को नही बचा सके |the resources are deteriorating ,the dying carona
जिला प्रशासन ,राज्य सरकार व जनप्रतिनिधि भले ही माकूल व्यवस्था होने को लेकर दावा कर रहे है पर भौतिक स्थिति यह है कि करोना पीडितो के लिए संजीवनी का काम करने वाले “रेमडेसीवर “के लिए भी लोग भटक रहे है | पूछे जाने पर सिविल सर्जन का दो -टूक जबाब है कि कोरोना संक्रमण से जंग लड़ने के लिए उनके पास पूरे इंतजाम है |हां कुछ परेशानिया और प्रशिक्षित लोगो की कमी है |जिसे जल्द ही दूर कर लिया जाएगा |the resources are deteriorating ,the dying carona
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