आरा,28 मार्च। भोजपुर जिले में सोन नद के विभिन्न बालू घाटो पर गत एक सप्ताह से बन्द हुए बालू के खनन,परिचालन,बिक्री और ढुलाई को फिर से चालू कर दिए जाने के बाद अब बालू घाटों के संचालकों, मजदूरों,बालू ढुलाई में लगे वाहनों के संचालकों ने राहत की सांस ली है।
बालू खनन को चालू किये जाने के बाद सरकार के राजस्व की क्षति पर भी रोक लग गई है। भोजपुर जिले के 15 बालू घाटों पर तीन से साढ़े तीन फीट डाला वाले ट्रकों से बालू की ढुलाई रोक दिए जाने से बालू कारोबार से जुड़े लोगों को भारी कठिनाइयों से जूझना पड़ रहा था।अब इन सभी बालू घाटों पर चहल पहल बढ़ गई है।
मजदूरों को रोजगार मिल गए हैं तो बालू ढुलाई में लगे ट्रकों, ट्रैक्टरों के संचालकों को भी आर्थिक रूप से सशक्त होने का मौका मिला है। जिला प्रशासन की एक सप्ताह पूर्व बालू के खनन पर रोक लगाए जाने से कई लोगो को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है। सबसे अधिक परेशानी बालू घाटों पर बालू निकासी के कार्य मे लगे मजदूरों को उठानी पड़ी। जिला प्रशासन के आदेश के बाद अब बालू खनन और परिचालन शुरू किए जाने के बाद जिले की सडको पर बालू लदे ट्रकों और ट्रैक्टरों की कतार दिखने लगी है।
एमवीआई विनोद कुमार और स्थानीय पुलिस से जुड़े दारोगा हरिशंकर सिंह के संयुक्त नेतृत्व में जांच अभियान भी चलाया जाने लगा है।अब तक 14 ट्रैक्टर और 6 पिकअप को ओवरलोडेड बालू ढुलाई को लेकर धर पकड़ किया गया और इन सभी के चालको से पांच लाख रुपये जुर्माना वसूला गया है। एमवीआई और कोइलवर पुलिस की संयुक्त कार्रवाई से ओवरलोडेड बालू ले जाने वाले वाहन संचालकों के बीच हड़कम्प मचा हुआ है।
एमवीआई और स्थानीय पुलिस ने अब तक कई ऐसे बालू लदे वाहनों को जब्त किया है जिनके पास फिटनेस सर्टिफिकेट नही थे,चालको के ड्राइविंग लाइसेंस भी नही थे। यही नही ऐसे वाहनों के पास कई कागजातों की भी कमी थी।