एक मासूम की जान के पीछे दिग्विजय सिंह, लालू प्रसाद यादव, अधीर रंजन चौधरी, शरद यादव तक के नाम सामने आ रहे हैं। फिर भी इन नामों का कोई काम ना आया और फिर, ऊफ ये सवा घंटे की जाम और… जदयू नेता के छह महीनें के बेटे की एंबुलेंस में तड़प-तड़पकर मौत, सड़क जाम करने वालों को गिरफ्तार कर ले गई पुलिस फिर खेला खत्म…यही सिस्टम है, यही बेबसी है, जिससे हम आप हर रोज जूझ और लड़ रहे हैं मगर…फरियाद सुनेगा कौन…? मामला सहरसा से जुड़ा है।
जानकारी के अनुसार, यहां, जाम में फंसे रहने की वजह से जेडीयू नेता अमरदीप शर्मा के छह माह का बच्चा आदर्श एंबुलेंस में ही तड़प तड़प कर दम तोड़ दिया।
आदर्श की मौत के बाद परिजन और स्थानीय लोग काफी देर तक धरने पर प्रशासन और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते रहे मगर फरियाद की जगह पुलिस आई और गिरफ्तार कर इन लोगों को लेकर चली गई। पिता अमरदीप ने बताया, भारतीय नगर से पूरब बाजार ले जाने में उन्हें एक घंटे बीस मिनट लग गए। भीषण जाम लगा था। इधर, आदर्श की स्थिति गंभीर होती जा रही थी। इसको लेकर वह डॉक्टर के पास जा रहे थे। जाम में एंबुलेंस फंस गई और आदर्श नहीं रहा।
इधर, लोगों का कहना था, ओवरब्रिज नहीं रहने की वजह से अक्सर जाम लग जाता है। जाम से मुक्ति दिलाने के लिए जल्द से जल्द ओवरब्रिज का निर्माण करवाया जाए। लोगों ने प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को दोषी मानते हुए उन पर 302 का मुकदमा दायर करने की मांग की। पुलिस ने इस मामले में कोसी युवा संगठन के संस्थापक सह आम आदमी पार्टी के नेता सोहन झा को गिरफ्तार कर लिया है। झा समर्थकों के साथ सड़क जाम करते अपनी बात रख रहे थे।
इधर, देखिए हकीकत क्या है
ओवरब्रिज निर्माण के लिए 2000 को पूर्व रेल राज्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने पहली बार शिलान्यास किया। उस समय निर्माण की लागत 9.35 करोड़ थी। 2005 को पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने इसका शिलान्यास किया। उस समय लागत 15 करोड़ तय की गई। फिर 2014 को पूर्व रेल राज्य मंत्री अधीर रंजन चौधरी ने तत्कालीन सांसद शरद यादव की मौजूदगी में शिलान्यास किया और लागत राशि 57.54 करोड़ तय की गई। मगर…कहां है ओवरब्रिज। पढ़िए क्या कह रहे हैं आदर्श की मौत के बाद पीड़ित पिता, सहरसा में अगर आज ओवरब्रिज होता तो शायद मेरा बेटा जिंदा होता।