पटना। बिहार में लगातार हो रही बारिश से नेपाल सीमा से सटे पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण गोपालगंज और सारण जिलों में बाढ़ का पानी घुस गया है। मौसम विभाग ने आज भी पूर्वी-पश्चिमी चंपारण और गोपालगंज जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। साथ ही पूरे बिहार में 18 जून तक वज्रपात का अलर्ट भी जारी किया गया है।
बिहार के सभी 38 जिलों में बारिश हो रही है। इसके लिए विभाग ने ब्लू अलर्ट भी जारी किया हुआ है। राजधानी पटना में भी दोपहर से ही रुक-रुककर बारिश हो रही है। मौसम विभाग ने पूर्वी-पश्चिमी चंपारण, सीवान, सारण और गोपालगंज जिलों में आज भारी बारिश के साथ वज्रपात की चेतावनी जारी की है। इसके अलावा राजधानी पटना, गया, नवादा, नालंदा, शेखपुरा, बेगूसराय और लखीसराय के लिए गुरुवार 17 जून को भारी बारिश और वज्रपात का रेड अलर्ट जारी किया गया है।
मौसम विभाग का कहना है कि बिहार में जारी अति सक्रिय मानसून से पूरे राज्य में बड़े पैमाने पर आकाशीय बिजली गिरने की गतिविधियों के लिए बहुत अनुकूल परिस्थिति है। अगले तीन दिनों के दौरान यानी 18 जून तक तीव्र आकाशीय बिजली गिरने की संभावना बहुत अधिक है।
सभी खुले मैदान, नदियां, जल भराव वाले क्षेत्र, आम और लीची के बागान इत्यादि बिजली गिरने के लिए संभावित क्षेत्र रहेंगे। बिजली की प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों तरह के प्रहार ऐसी परिस्थितियों में घातक साबित हो सकती हैं।
गंडक बैराज से छोड़ा गया चार लाख 12 हजार क्यूसेक पानी
देर शाम जल संसाधन विभाग और सड़क एवं परिवहन विभाग की बैठक में बताया गया कि राज्य की दो नदियों में भारी बारिश की वजह से जलस्तर में काफी वृद्धि हुई है। जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव ने वर्चुअल प्रेस वार्ता में बताया कि गंडक नदी में आज शाम पांच बजे तक गंडक बैराज से चार लाख 12 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। हालांकि, अब इसमें कमी दर्ज की गई है।
उन्होंने बताया कि इसी तरह बूढ़ी गंडक नदी में मुजफ्फरपुर से लेकर खगड़िया तक छह से 11 सेंटीमीटर तक पानी की बढ़ोत्तरी हुई है जो खतरे के निशान से बहुत नीचे है। उन्होंने बताया कि गंडक नदी मे बैराज से पानी डिस्चार्ज होने की वजह से पश्चिमी चंपारण और गोपालगंज के निचले इलाके में पानी घुस गया है।
हालांकि, प्रशासन की नजर उस पर बनी हुई है। पानी के दबाव में वाल्मीकिनगर गंडक बैराज के सभी 36 फाटक खोलने पड़े।मौसम विभाग के बारिश के पूर्वानुमान के अनुसार, गंडक के जलस्तर में और वृद्धि होगी।
उन्होंने बताया कि बेतिया में गंडक, बूढ़ी गंडक, हरबोड़ा, बलोर, मसान, रामरेखा, कोहड़ा, कठहा, गांगुली, दोहरम और पंड़ई आदि नदियों में बाढ़ आ गई। वाल्मीकिनगर मौसम विज्ञान केंद्र के इंचार्ज विपुल चौधरी के अनुसार बेतिया में रिकॉर्ड 195 एमएम बारिश होने के बाद ऐसी स्थिति बनी। रामनगर के कई गांवों में मसान नदी का पानी घुसने से लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। (flood in four districts, Four lakh cusecs of water released)