पटना। बिहार में कोरोना महामारी को देखते हुए राज्य सरकार ने विधायक फंड की राशि में कटौती की थी। इससे संबंधित मामला शुक्रवार को विधानसभा के मानसून सत्र में उठाया गया। ( Bihar Assembly Monsoon Session: Debate on the expenditure of the amount deducted from the MLA fund in Corona ) सदन में कांग्रेस के विधायक अजीत शर्मा ने प्रश्नोत्तर काल में सरकार से जानना चाहा कि उनके विधायक फंड से जो राशि काटी गई उसे कहां खर्च किया गया।
उनके इस सवाल का सरकार की तरफ से योजना एवं विकास विभाग के मंत्री विजेंद्र यादव ने जवाब देते हुए कहा कि राशि का खर्च स्वास्थ्य विभाग ने किया और स्वास्थ्य विभाग ही इसका हिसाब देगा। ( Bihar Assembly Monsoon Session: Debate on the expenditure of the amount deducted from the MLA fund in Corona ) मंत्री के इस जवाब से अजीत शर्मा संतुष्ट नहीं दिखे। इसके बाद राजद के ललित यादव भी इस सवाल के पूरक पर खड़े हो गए।
ललित यादव ने कहा कि अगर सरकार विधायक फंड की राशि काटी है तो एक विभाग दूसरे विभाग के ऊपर फेका-फेकी कर जवाब से भाग नहीं सकते। ( Bihar Assembly Monsoon Session: Debate on the expenditure of the amount deducted from the MLA fund in Corona ) ललित यादव के इतना कहते ही मंत्री विजेंद्र यादव भड़क गए। उन्होंने सदन में ललित यादव को खूब खरी-खोटी सुनाई। ललित यादव पर टिप्पणी करते हुए मंत्री विजेंद्र यादव ने कहा कि पांच बार विधायक रहे हैं लेकिन अभी उनके अंदर वह परिपक्वता नहीं आई है।
ललित यादव ने भी विजेंद्र यादव की इस टिप्पणी पर पलटवार करते हुए कहा कि मंत्री जी अगर बहुत विद्वान हैं तो 1990 में जीतकर सदन पहुंचे थे। मैं भी 1995 में विधायक बन चुका हूं। काफी देर तक दोनों के बीच तीखी नोकझोंक होती रही।