पटना। बिहार विधानमंडल के चौथे दिन विधान परिषद में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने बिहार स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय विधेयक 2021 का प्रस्ताव रखते हुए कहा कि अगले चार साल में बिहार में 28 मेडिकल कॉलेज (after four years 28 medical College in bihar) हो जाएंगे।
मंगल पांडे ने कहा कि राज्य में अगले चार साल के दौरान मेडिकल कॉलेजों की कुल संख्या 28 हो जाएगी। इससे प्रदेश के मेडिकल पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को बाहर नहीं जाना पड़ेगा। साथ ही डॉक्टरों की उपलब्धता भी बढ़ेगी। चर्चा के बाद इस विधेयक को पास कर दिया गया।
बिहार विधान परिषद में बिहार खेल विश्वविद्यालय विधेयक-2021 भी पारित किया गया। सदन में बिहार खेल विश्वविद्यालय विधेयक 2021 का प्रस्ताव कला-संस्कृति और युवा विभाग के मंत्री आलोक रंजन ने रखा। उन्होंने बताया कि अपनी तरह का देश में छठा विश्वविद्यालय होगा।
इस विधेयक पर चर्चा के दौरान कांग्रेस के एमएलसी प्रेमचंद मिश्रा ने पटना के मोइनुल हक स्टेडियम सहित जिलाें में बने स्टेडियम की बदहाली की बात उठाई। उन्होंने कहा कि 50 हजार लोगों के बैठने की क्षमता वाले पटना के मोइनुल हक स्टेडियम में 1993 के बाद एक भी अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं हुआ है।
कांग्रेस के प्रेमचंद मिश्रा ने कहा कि मुख्यमंत्री को इतना समय कैसे मिल जाएगा कि वे खेल विश्वविद्यालय के कुलाधिपति का भार उठाएंगे। उन्होंने कहा कि बिहार में खेल मंत्रालय भी है और उसके लिए बजट भी है, फिर भी खेल की स्थिति में बिहार एक कदम आगे नहीं बढ़ा। नीतीश कुमार खुद इस विश्वविद्यालय के कुलाधिपति भी हो गए। राज्य के खिलाड़ियों को कोई ट्रेनिंग नहीं है। खिलाड़ियों के अंदर सुरक्षा का भरोसा नहीं है। कोई कोचिंग की व्यवस्था नहीं है। उन्होंने कहा कि बिहार में स्पोर्ट्स को कैरियर बनाने से बिहार के युवा डरते हैं।
प्रेमचंद मिश्रा ने कहा कि खेल के कई मैदान पुलिस लाइन में बदल कर रह गए हैं। खेल के लिए कोचिंग की व्यवस्था करनी होगी और खिलाड़ियों के लिए नौकरी की व्यवस्था करनी होगी। उन्होंने खेल पर बोलते हुए कई बार ”खेला होबे” शब्द का भी इस्तेमाल किया।
इस चर्चा में सरकार की तरफ से भारतीय जनता पार्टी के संजय पासवान और देवेश कुमार भी शामिल हुए।