बिहार डेस्क। आईसीडीएस के निदेशक ने जिला समन्वय को पत्र लिखकर निर्देश दिया है कि मातृ व शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए मातृ वंदना योजना के तहत (Matri vadan yozana ,5 thousand ist time pregnant) प्रथम बार गर्भधारण करने पर महिला को संबंधित आंगनबाड़ी पर अपना पंजीयन कराना होगा।
इसके बाद नवजात व प्रसूता का टीकाकरण चक्र पूरा होते ही उन्हें पांच हजार रुपये की राशि खाते में जाएगी। यह राशि अलग-अलग चरण में मिलेगी। ताकि प्रसूता अपनी समय पर जांच और टीकाकरण पूरा करा सके।
निदेशक ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों को जिम्मेदारी सौंपी गई है।इसी जगह पर पंजीयन होगा और राशि का भी भुगतान यहां से बैंक खाते में होगा। समय पर जांच न कराने, टीकाकरण का चक्र पूरा न होने सहित कई मामले संज्ञान में आते रहे हैं। इसी वजह से इस योजना से जोड़ा जा रहा है।
महिला को यह राशि तभी मिलेगी, जब वह सारे चक्र पूरा करेगी।टीकाकरण कार्ड प्रस्तुत करने पर एक हजार रुपये की राशि प्रसूता के आधार लिंक खाते में भेजी जाएगी। 6 माह के बाद आवश्यक टीकाकरण कार्य महिला के द्वारा कराए जाने पर उनके बैंक खाते में दो हजार रुपए की राशि जमा की जाएगी। महिला के प्रसव के बाद बच्चे के टीकाकरण का प्रथम चक्र पूरा होने पर अंतिम किस्त के रूप में दो हजार रुपये की राशि दी जाएगी।
इसके लिए शिशु का जन्म प्रमाण पत्र तथा टीकाकरण कार्ड प्रस्तुत करने पर बैंक खाते में राशि जमा हो जाएगी। इस प्रकार महिला को कुल पांच हजार रुपये की राशि, महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से मिलेगी। सरकारी अस्पताल में प्रसव होने पर नियमानुसार अस्पताल से राशि महिला के बैंक खाते में जमा की जाएगी।मातृ वंदना योजना के तहत अब पहली बार गर्भधारण करने वाली महिलाओं को तीन किश्तों में कुल पांच हजार रुपये की राशि आंगनबाड़ी केन्द्र के माध्यम से दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि गर्भवती महिला को अपना पंजीयन नजदीक की आंगनबाड़ी केन्द्र में दर्ज कराना होगा। अपना आधार कार्ड, अपने पति का आधार कार्ड के साथ बैंक एकाउंट प्रस्तुत करना होगा।सीडीपीओ रघुवंश कुमार सिंह ने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्र पर मातृ वंदना योजना के तहत पंजीयन का शुरू किया गया है। इसके प्रचार प्रसार के लिए बाल विकास परियोजना को निर्देश दिया गया है। आंगनबाड़ी सेविका,आशा कार्यकर्ता वैसे महिलाओं को चिन्हित कर रही है, जो पहली बार गर्भवती है।