मधुबनी। लोक शिकायत के निष्पादन में नगर निगम रुचि नहीं ले रहा है। इसकारण अधिकतर लोग भटकने को विवश है। इसतरह के मामले को जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने ऐसे 11 मामले को रेखांकित करते हुए अल्टीमेटम दिया है।
उन्होंने निगम के आयुक्त को विलंब होने के लिए स्पष्टीकरण भी मांगा है। उन्होंने जारी आदेश में बताया है कि अधिनियम के तहत दायर मामले में समय पर प्रतिवेदन समर्पित नहीं किया जा रहा है। जिससे लोगों की समस्या का निदान नहीं हो रहा है। फिलहाल दायर 11 परिवाद प्रतिवदेन प्राप्त नहीं होने कारण निगम के स्तर पर काफी लंबे दिनों से लंबित एवं कालबाधित है।
इतने लंबे समय तक दायर परिवादों के निवारण के आलोक में प्रतिवेदन समर्पित नहीं करना लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के प्रति निगम की अरुचि एवं असहयोग को परिलक्षित करता है।
आदेश में बताया गया है कि दायर परिवादों की सुनवाई में अनुपस्थित रहने वाले लोक प्राधिकारों एवं परिवाद के निर्धारण में असहयोग करने वालों पर लोक प्राधिकारो के विरूद्ध आरोप पत्र गठन करने का अधिकार सरकार के द्वारा प्रदत्त है। इसलिए शीघ्र मामले के निष्पादन करें। नगर निगम के जनहित से जुड़े 32 मामले की सुनवाई चल रही है।
21 मामले में निगम के द्वारा प्रतिवेदन समर्पित किया जा चुका है। लेकिन सड़क और नाला से मुद्दा जुड़े होने के कारण इसका निष्पादन नहीं हो सका है। क्योंकि आधारभूत संरचना सड़क और नाला का निर्माण पूरा नहीं होने के कारण यह मामला चल ही रहा है। इसका डिस्पोजल नहीं हो पाया है।
इसी तरह से अनुमंडल लोक शिकायत में भी लगभग एक दर्जन मामला पेंडिंग है। जिसका निष्पादन होना है। लोक शिकायत निवारण मामले के निष्पादन के लिए सिटी मैनेजर नीरज कुमार झा को विभाग के द्वारा अधिकृत किया गया है।
क्या कहते हैं नगर आयुक्त
नगर निगम के आयुक्त राकेश कुमार ने बताया कि लोक शिकायत और आरटीआई मामले के शीघ्रता से निष्पादन के निर्देश दिये गये हैं। कर्मी की कमी के कारण समस्या आयी है। वहीं राशि की उपलब्धता के बाद ही सड़क और नाला निर्माण हो सकता है। वह भी निविदा, सशक्त स्थायी समिति और बोर्ड की एक प्रक्रिया है।