किशनगंज। बिहार में किशनगंज जिले के जांबाज इंस्पेक्टर अश्विनी कुमार हत्या मामले में एक बड़ा खुलाशा हुआ है। थानेदार की हत्या करने वाले भीड़ को वहां की एक मस्जिद से बकायदा माइक से अनाउंस करके जुटाया गया था। इस बात की जानकारी किशनगंज के एसडीपीओ जावेद अंसारी ने सोमवार को यहां दी है। एसडीपीओ के मुताबिक दो लोगों ने हल्ला कर पहले लोगों को बुलाया और फिर देखते ही देखते लोगों की भीड़ जमा हो गई।
एसडीपीओ ने कहा कि थानाध्यक्ष की हत्या करने के मामले में मस्जिद से ऐलान कर लोगों को इकट्ठा किया गया था कि चोर आ गए हैं, डाकू आ गए हैं जिसके बाद भीड़ ने हमारे थानेदार की पीट-पीटकर हत्या कर दी। थानेदार के मुताबिक इस मामले में अब तक पश्चिम बंगाल से पांच जबकि बिहार से तीन लोगों की गिरफ्तारी की गई है। मस्जिद से अनाउंस कर भीड़ इकट्ठा करने के मामले में पुलिस ने मास्टर माइंड फिरोज और इजराइल को पुलिस ने रविवार को ही गिरफ्तार कर लिया था।
उल्लेखनीय है कि बंगाल के ग्वालपोखर थाना क्षेत्र के पंतापाड़ा गांव में बाइक चोरी मामले में छापेमारी करने गयी पुलिस टीम पर भीड़ ने हमला कर दिया था। मॉब लींचिंग की इस घटना में किशनगंज टाउन थानाध्यक्ष अश्विनी कुमार की मौके पर ही मौत हो गई थी।मॉब लीचिंग और पुलिस टीम पर हमले की ये घटना शनिवार की अहले सुबह तीन बजे हुई थी।पुलिस ने इस केस में आरोपी फिरोज आलम, भाई अबुजर आलम व फिरोज आलम की मां शाहीनूर खातून को गिरफ्तार किया था।
इसी केस में लापरवाही बरतने और थानेदार को अकेला छोड़कर भागने वाले पुलिसकर्मियों को भी सस्पेंड किया गया है। इस मामले में बिहार के डीजीपी एसके सिंघल ने पश्चिम बंगाल के डीजीपी से भी बात की है। थानेदार की हत्या की खबर सुनते ही उनकी मां की भी मौत हो गई थी जिसके बाद रविवार को दोनों के शव का एक ही साथ अंतिम संस्कार किया गया था।