गया। पूर्व सीएम और हिंदुस्तान अवामी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने जातीय जनगणना को लेकर कहा कि जिसकी जितनी जनसंख्या भारी, उसको उतनी हिस्सेदारी मिले। वे (Jitan Ram Manjhi, Caste Census) शनिवार को गया में अपनी पार्टी के 6वां स्थापना दिवस समारोह के मौके पर पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने इस मुद्दे पर कहा कि सिर्फ अनुसूचित जाति-जनजाति की संख्या की गिनती नही हो बल्कि सभी जातियों की जनगणना होनी चाहिए ताकि जनसंख्या के अनुसार लोगों को राजनैतिक समेत अन्य लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना की मांग वे वर्षों से करते आ रहे हैं।
धर्मांतरण के सवाल पर उन्होंने कहा कि हम हिन्दू हैं तो हमे भी समान दर्जा मिलनी चाहिए। पर यहां उच्च-नीच,जात-पात और छुआ छूत सब कुछ व्याप्त है। हम अम्बेडकरवादी हैं। जिन्होंने बहुत प्रयास किया था भेदभाव मिटाने का लेकिन वे सफल नही हुये और अपने अनुयायियों के साथ बौद्ध धर्म अपना लिया।
बौद्ध धर्म मे जाति-पाति नही है। जब तक जात-पात का बंधन नही टूटेगा ऊंच नीच भी खत्म नही होगा। उन्होंने कहा कि झारखंड में जो लोग ईसाई धर्म अपनाया है वे जीवन मे खूब तरक्की किया है। आईएएस और आईपीएस तक बने हैं। लेकिन जो हिन्दू धर्म मे ही रह गए वे ज्यों के त्यों रह गए हैं।
मांझी जी यहीं तक नही रुके बल्कि अपने भाषण में भी मंदिर और मस्जिद पर जमकर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि कर्म ही पूजा है। लोगों को अपने कर्म पर विश्वास करना चाहिए। मंदिर में घंटी बजाने से कुछ नही होता है। लोग मस्जिद में जाकर अल्लाह को याद करते हैं जैसे कि अल्लाह बहरे हो गए हैं।