अप्रैल,25,2024
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मैं मिथिलांचल का बाबाधाम कुशेश्वरस्थान… रो रहा हूं पढ़िए प्रशांत कुमार की EXCLUSIVE रिपोर्ट

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कुशेश्वरस्थान पूर्वी।
प्रखंड क्षेत्र में आयी असमय बाढ़ ने काफी तबाही मचा रखी है। यहां की सभी नदियों में लगातार जलस्तर बढ़ रहा है। इससे सैकड़ों एकड़ में लगा मक्के का फसल बाढ़ की पानी मे डूब चुका है।

 

किसान नाव के सहारे से अपने डूबे हुए मक्के को दिन रात मेहनत कर इस उम्मीद में छानने में लगे हैं। शायद खाने के लिए कुछ बच जाए। अपने सभी परिवार के साथ नाव पर बैठ बारिश और चिलचिलाती धूप में सारा दिन मक्के को बचाने में लगे है। किसानों को जहां जहां सूखा स्थान मिल रहा है वहीं डूबे हुए मक्के को सुखाने में लगे है। ताकि दो वक्त का रोटी अपने परिवार को खिला सके।

मैं मिथिलांचल का बाबाधाम कुशेश्वरस्थान... रो रहा हूं पढ़िए प्रशांत कुमार की EXCLUSIVE रिपोर्ट

कमर तक पानी में कंधे पर मक्के का बोरा लिए किसान बाबू साहेब चौपाल बताते है कि बाजार में महाजन से कर्ज लेकर मक्के का फसल किया था। फसल कटने के बाद उसे बाजार में बेचकर महाजन का कर्ज भी चुकाना था और परिवार भी इसी में चलाना था पर भगवान को कुछ और ही मंजूर था। अचानक आयी इस असमय बाढ़ ने हमलोगों का सब कुछ बर्बाद कर दिया घर मे बूढ़े मां बाप के आलावे दो भाई और तीन छोटे छोटे बच्चे है।

मैं मिथिलांचल का बाबाधाम कुशेश्वरस्थान... रो रहा हूं पढ़िए प्रशांत कुमार की EXCLUSIVE रिपोर्ट

मक्के का दाना पानी मे सड़ चुका है इस स्थिति में कहां से महाजन का कर्ज चुका पाएंगे और कहां से अपने परिवार का पालन पोषण। इतना बात बात कहते ही बाबू चौपाल के आंख से आंसू निकलने लगे। ऐसा अकेला बाबू ही नही बल्कि प्रखंड क्षेत्र में दर्जनों नहीं सैकड़ों किसान हैं, जिसका बाढ़ ने सब कुछ बर्बाद कर दिया।

वहीं, इस बाढ़ ने प्रखंड मुख्यालय का कुशेश्वरस्थान उत्तरी पंचायत का वार्ड एक से लेकर चार एवं भिण्डुआ पंचायत का का संपर्क मुख्यालय से पूरी तरह टूट चुका है। लोग कमर तक पानी पार कर बाजार आते जाते है। वहीं, बाजार से सटे उत्तरी पंचायत का वार्ड चार मखनाही टोल भी बाढ़ की पानी से चारों तरफ से घिर चुका है।
मैं मिथिलांचल का बाबाधाम कुशेश्वरस्थान... रो रहा हूं पढ़िए प्रशांत कुमार की EXCLUSIVE रिपोर्ट
मखनाही के लोगो के लिए ये कोई नई बात नही है। मानो इस टोला के लोगो को इसकी आदत सी हो चुकी है। दुःख की बात यह है कि बाजार का अंग एवं मुख्यालय से लगभग पांच सौ मीटर की दूरी पर होने के बाद भी वर्षो से मखनाही के लोग इस दंश को झेलते आ रहे है। इसके बावजूद आज तक ना तो किसी जनप्रतिनिधियों एवं ना ही किसी अधिकारियों ने इसका संज्ञान लिया। एक तरह से इसे कुशेश्वरस्थान बाजार का टापू कहा जाने लगा है।मैं मिथिलांचल का बाबाधाम कुशेश्वरस्थान... रो रहा हूं पढ़िए प्रशांत कुमार की EXCLUSIVE रिपोर्ट

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