कुशेश्वरस्थान पूर्वी। प्रखंड क्षेत्र में बहने वाली कमला बलान नदी का पानी अचानक काला हो गया है। और इस बाढ़ के पानी से काफी बदबू भी आ रही है। अचानक हुए पानी का बदलाव होने से क्षेत्र वासी पानी छूना भी नहीं चाहता है। प्राप्त जानकारी के अनुसार कमला नदी जो कि नेपाल के रास्ते बिरौल कुशेश्वरस्थान के संगम क्षेत्र कहे जाने वाले दरभंगा और समस्तीपुर के सीमा पर थरघटिया घाट में मिलती है जहां कोसी, कमला बलान और करेह नदी तीनों आकर मिलती है।
जानकारों की मानें तो असमय आयी बाढ़ के कारण मक्के और मूंग का फसल सड़ जाने के कारण एवं पूर्व से स्थानीय चौरो में जमे गंदा पानी के कारण हुआ है। काला गंदा पानी नदी में मिलकर बह रहा है।
वहीं कृषि में उपयोग किये जाने वाले रासायनिक खाद्य पदार्थ सहित वर्षा के कारण फसलो का गला हुआ अवशेष मिल जाने के कारण नदी का पानी प्रदूषित हो गया है ,पानी पूर्णरूप से काला हो गया है साथ ही पानी से दुर्गंध आने के कारण आस पड़ोस के गाँव के लोगों को सांस लेना भी दुर्लभ है ।
लोग घर के सामने भी नही बैठ पाते है । जिसे लेकर ग्रामीणों में चर्चा का विषय बना हुआ है कि आखिर इतना गंदा पानी कहाँ से और कैसे आ गया है।
नदी में बहते गंदे पानी से नदी का पानी दूषित हो जाने से जहां लोग स्नान करते थे जो कि अब लोग स्नान आदि नहीं कर पा रहे हैं । वहीं पानी मवेशियों के पीने योग्य भी नहीं रहा है।
मवेशी पालक छेदी यादव, रमेश यादव, सियाराम यादव, सागर यादव सहित क़ई मवेशी पालकों ने बताया कि नदी की पानी गंदा होने से लोग मवेशी को भी नदी किनारे नही जाने दे रहे है। लोगो के मन मे यह डर बना हुआ है कि मवेशी अगर को खुला छोड़ देंगे तो इस पानी के सेवन करने से कही कोई तरह की बीमारी न हो जाय।
पानी में मछली मारने वाले मछुआरे केवटगामा निवासी दिलीप मुखिया, झमेली मुखिया, रामचंद्र मुखिया का कहना है कि पानी में कूड़ा, कचड़ा बह रहा है, पानी पूरा काला हो गया और अत्यधिक बदबू देता है । इन लोगों ने बताया कि डर के मारे पानी मे मछली मारना तो दूर की बात पैर भी रखना संभव नहीं है । वहीं इस नदी का मछली खाना भी जीवन के लिए घातक हो सकता है क्योंकि मछलियां वैसे ही इस नदी में मर कर बह रही है।
वहीं कई मवेशी पालको का कहना है एक पशुपालक कम से कम पाँच से छः मवेशी पालता है ऐसे में दरवाजे पर खुटे में बांधकर पशु को पानी पिलाना संभव नहीं है । इस उमस भड़ी गर्मी में हमलोग पशुओं को नहाने से लेकर पानी पिलाने तक नदी में ले जाकर ही करते है लेकिन गंदी पानी बहने के कारण हमलोग मवेशी को नदी किनार नहीं ले जा पा रहे है ।
मालूम हो कि घनी आबादी के बीच से गुजरती इस नदी में कई बच्चे स्नान करते देखे जाते है ऐसे स्थिति में नदी में बहती इस पानी का सफाई बेहद जरूरी है । बता दें कि नदी के दोनों तरफ बसे गाँव भरडीहा,फकदोलिया,
पछियारीरही, केवटगामा, सलमगढ़, सिसौना, परमानंदपुर, जिरौना सहित दर्जन भर गाँव के लोगों को नदी से आने वाली बदबू से परेशान है ।
इस संबंध में डॉ. ज्ञानेश पाठक से जब देशज टाइम्स की बात हुई तो उन्होंने बताया कि ऐसे गंदे पानी रहने से और जो बदबू दे रहा है उससे डायरिया, कालाजर, जैसे बीमारी होने का डर है लोगो को सतर्क रहना चाहिए।
वही इस संबंध में बीडीओ अशोक कुमार जिज्ञासु ने देशज टाइम्स को बताया कि गंदे पानी रहने के कारण जिसका नदी के आस पास घर है वे लोग अपने दरवाजे पर बैठ भी नहीं पाते है। इस मामले में वरीय पदाधिकारी को सूचना दी गई है जल्द ही इस मामले में हर संभव कार्यवाई की जाएगी।