कुशेश्वरस्थान पूर्वी। शिवनगरी बाबा कुशेश्वर धाम में ये क्या हो रहा है। क्यों यहां के लोग कोरोना से मजाक करने में लगे है। मंदिर सील है पर जलाभिषेक, मुंडन आदि मंदिर परिसर के बगल में ही चालू है। हजारो की संख्या में लोगों को मंदिर के पीछे से पंडा की ओर से क्यों प्रवेश कराया जा रहा है। इतना ही नही इतना सब कुछ प्रशासन के नाक के नीचे हो रहा है। प्रशासन मूकदर्शक बना कोरोना काल मे तमाशा क्यों देख रहा है।
जानकारी के अनुसार, शिवमंदिर से महज बीस से पच्चीस मीटर की दूरी पर कुशेश्वरस्थान थाना है और इतना ही दूरी पर प्रखण्ड सह अंचल कार्यालय। इसके बावजूद बिना किसी डर भय के यहां के पंडा की ओर से काफी भीड़ जमा करा पूजा अर्चना कराया जा रहा है। मंदिर में भीड़ ना लगे इसको लेकर स्थानीय प्रखंड और पुलिस प्रशासन ने सोमवार को मंदिर के मुख्य द्वार को बांस बल्ले से सील करा यहां के पंडो को हिदायत दी थी कि सरकार के अगले आदेश तक मंदिर में भीड़ नही लगाया जाएगा।
इसके बावजूद कोई मानने को तैयार ही नही है। मंगलवार की सुबह से यहां के पंडा ने एक अलग तरकीब निकली और मंदिर के पीछे वाले द्वार पर ही पूजा अर्चना करना शुरू कर दिया। जिसके बाद से लोगो की काफी भीड़ यहां जमा होने लगी। जानकारों की माने तो एक दो पंडा मंदिर के मुख्य द्वार पर खड़ा रहकर यहां पूजा करने आए लोगो को पीछे की दरबाजे से जाने की सलाह देते है जहां पहले से सभी पंडा लोग अपने जजमान के इंतजार में बैठे नजर आते है।
भीड़ लगने के बाद से इस मुहल्ले में रहने वालों लोगो मे दहशत का माहौल बना हुआ है। मुहल्ले के लोग बताते है कि जब इसकी शिकायत प्रशासन से की गई तो घंटो बाद यहां आये पर प्रशासन को देख सभी लोग भाग खड़े हुए और प्रशासन के जाने के बाद स्थिति जस की तस बन जाती है। ऐसे में यहां का स्थानीय प्रशासन आखिर कोई ठोस कदम इन लापरवाह लोगो के लिए क्यों नही उठा रही है। आखिर प्रशासन की ऐसी क्या मजबूरी है। जब बढ़ते कोरोना को लेकर भीड़ लगाना मना है तो फिर यहां इतनी भीड़ क्यों जमा की जा रही है। इस मामले में न्यास समिति भी काफी लापरवाही कर रही है। इस विकट स्थिति में न्यास के लोग भी अपनी जिम्मेदारियों से भाग रहे हैं।