दरभंगा। मुक्तिधाम में कोरोना के 134 शवों की अंत्येष्टि की गई। इनमें विभिन्न कारणों से लगभग तीन दर्जन शवों का अस्थि कलश परिजन नही ले जा सके।
अन्ततः सोमवार की सुबह तय तिथि अनुसार कबीर सेवा संस्थान की ओर से मंटू यादव, सुरेन्द्र महतो, मुकेश राय, पप्पू प्रधान इसके सामुहिक प्रवाह व कर्म हेतु सिमरिया गंगाघाट के लिए रवाना हुए, जहां विधि विधान के साथ इसे प्रवाह किया गया। प्रवाह के उपरांत सभी मृतकों के सामुहिक श्राद्ध भी विधि विधान से वहीं कराया गया।
कुल 37 शवों के अस्थि कलश के साथ ऐसा 51अस्थि कलश भी ले जाया गया है, जिसमे संशय की स्थिति है कि उनके परिजन इसे ले गए या नही, क्योंकि नियत समय पर और सूची में नाम ,पता दर्ज कर अस्थि कलश ले जानेवाले कुल 44 इंट्री ही है। दो का स्पष्ट नाम, पता नही है। इसे अभी सुरक्षित रखा गया है।
इस प्रकार कुल 37 एवं 51 मिलाकर 88 शव के अस्थि का विधिवत कर्म सिमरिया में सम्पन्न कर संस्थान के लोग दरभंगा लौटे, जहां मंगलवार की शाम मुक्तिधाम बांध पर ही कोरोना से मृत सभी 134 मृतात्मा के शांति हेतु दरिद्र नारायण भोजन का कार्यक्रम है, जिसका आयोजन कबीर सेवा संस्थान, मुक्तिधाम जीर्णोद्धार समिति संयुक्त रूप से करेगा।
इसमे मृतक के परिजनों को भी आमंत्रित किया जा रहा है, जो अपने हाथों दरिद्र नारायण को भोजन करा मृतात्मा की मुक्ति की प्रार्थना करेंगे और स्वयं भी प्रसाद ग्रहण करेंगे।
इससे पूर्व शनिवार को कोरोना से अंतहीन रास्ते पर गए लोगों के इसाले शबाब हेतु कुरानखानी का इंतज़ाम अंजुमन कारवां के मिल्लत की ओर से किया गया बीबी जाहिदा मस्ज़िद, फैजुल्लाखान में।
कोरोना के दूसरे लहर में सिर्फ शहर में दो दर्जन से अधिक ऐसे मुस्लिम शवों को अंजुमन कारवां ए मिल्लत, अंजुमन खुदाम ए मिल्लत और कबीर सेवा संस्थान के सहयोग से मुस्लिम शव को दफन किया गया था, जिनके परिजन किसी न किसी कारण से कम संख्या में थे या नही थे।
इस कठिन कार्य को अंजाम देनेवालों मेंरेयाज कादरी, मो उमर के अलावे कुरानखानी में ऐसे मरहूम के परिजन भी शामिल हुए, जो किसी कारण उस वक़्त नमाज, मिट्टी में शरीक नही हो पाए थे।