मार्च,29,2024
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धार्मिक पौराणिक स्थल अहल्यास्थान व गौतमकुंड पहुंचे पर्यटन सचिव संतोष कुमार मल्ल, हकीकत देख हुए निराश, जीर्ण व्यवस्था ने खोल दी विकास की पोल

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जाले। राज्य सरकार के पर्यटन मंत्री के निर्देश पर बुधवार को पर्यटन सचिव संतोष कुमार मल्ल ने धार्मिक पौराणिक स्थल अहल्यास्थान व गौतमकुण्ड का दौरा कर विकास कार्यों का अवलोकन किया।  वे अहल्यास्थान परिसर में मौजूद स्थानीय लोगों के साथ अहिल्या गहवर, राम मंदिर, सत्संग भवन, धर्मशाला आदि का मुआयना किया। विशाल राम मंदिर पर पर उगे झाड़ झंकार और चारों तरफ फैली गंदगी पर चिंता जाहिर की। वहीं मंदिर के जीर्णता, क्षरण और जगह जगह पड़े दरार से निराश भी दिखे।

 

उन्हें लोगों ने अवगत कराया कि करीब आठ वर्ष पूर्व 18 मई 2013 ई. को अहल्यास्थान में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहुंचे थे। उन्होंने अहल्यास्थान मंदिर को संरक्षित करते हुये विशेषज्ञों की टीम से मंदिर की खोयी सौंदर्य को उसी रूप में बहाल कर जीर्णोद्धार कराने की बात कहे थे। तबसे अबतक कई बार विशेषज्ञ यहां आये, लेकिन प्रगति क्या हुयी आजतक उसका परिणाम सामने नहीं आया।

 

 

उन्होंने लोगों को आश्वस्त किया कि अबतक क्या कुछ हुआ है, इसके लिये वे दरभंगा के डीएम से बात करेंगे। लोगों ने अतिक्रमण की ओर भी उनका ध्यान आकृष्ट कराया, जिसके लिये उन्होंने मौके पर मौजूद सीओ को अतिक्रमिति भूमि को चिन्हित कर आवश्यक कार्रवाई का निर्देश दिये। स्थानीय लोगों ने जब स्थान के रामायण सर्किट से जुड़े होने की बात बताते हुये स्थान की चहुमुखी चहुमुंखी विकास के लिये निवेदन किया, तो उन्होंने कहा कि अभी तक यह रामायण सर्किट से जुड़ा नहीं है। देखते हैं कि कहां रूकावट है। उन्होंने कहा कि वे जब दरभंगा के डीएम थे, तो अहिल्यास्थान आने का सोंचे थे। लेकिन कम समय और अधिक व्यस्तता के कारण नहीं आ सके थे। वे जितना संभव होगा, इस स्थान के विकास के लिये जरूर करेंगे। फिर गौतमाश्रम (गौतमकुण्ड) पहुंचे।

 

वहां भव्य मंदिर निर्माण को देख बेहद प्रभावित हुये। स्थानीय लोगों ने उन्हें जनसहयोग से मंदिर निर्माण की बात बतायी। लोगों ने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी जब यहां आए थे तो बेहद प्रभावित हुये थे। इसके बाद उन्होंने विकास के लिये यहां राशि भी आवंटित करवाया था। उससे कुण्ड का सौंदर्यीकरण सहित कई विकास कार्य हुये हैं। स्थानीय मुखिया पल्लवी रानी के द्वारा मनरेगा के तहत भी यहां विकास कार्य कराए गए हैं। गौतमकुण्ड की उड़ाही के लिये इसे सुखाया गया है।

 

स्थानीय लोगों ने स्थान में रात्रि में ठहरने के लिये यात्री निवास नहीं होने के कारण परेशानियों से अवगत कराया। कहा कि यहां देश विदेश से काफी संख्या में श्रद्धालू दर्शन करने आते हैं, रात्रि में ठहरना चाहते हैं। लेकिन यात्री निवास नहीं होने के कारण निराश होकर लौटने को मजबूर हो जाते हैं। सभी ने पर्यटन सचिव से यात्री निवास (रात्रि विश्रामालय) के निर्माण कराने की मांग की। उनके साथ जाले के बीडीओ राजेश कुमार, सीओ अनिल कुमार मिश्र, मनरेगा के पीओ संजीव कुमार दरभंगा के एडीएम सहित बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक मौजूद थे।

 

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