दरभंगा। बार एसोसिएशन के पूर्व महासचिव स्व. इंद्र शेखर मिश्रा उर्फ इंदु बाबू की पांचवीं पुण्य तिथि मंगलवार को डरहार गांव में मनाई गई। अधिवक्ताओं और ग्रामीणों ने इंदु बाबू के तैल चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया।
इंदु बाबू के भाई जटाशंकर मिश्रा की अध्यक्षता में आयोजित श्रद्धांजलि समारोह में उनके कार्यकाल में वकीलों व समाज हित में किए गए कार्यों का स्मरण कर परिवार के सदस्य और वकील भाव विह्वल हो उठे।
भुवनेश्वर मिश्रा ने कहा कि हर दिल अजीज भैया इंदू बाबू आज हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनका कीर्ति, उनकी बेहतर सोच वकीलों के लिए प्रेरणास्रोत बनकर हमारे बीच आज भी मौजूद हैं।
अधिवक्ता राजीव रंजन ठाकुर ने कहा कि इंदू बाबू बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। वे भारतीय जीवन बीमा निगम लिमिटेड की नौकरी छोड़कर वकालत पेशा में आए। 2008 से लेकर जीवन के अन्त तक दरभंगा बार एसोसिएशन के महासचिव रहे। पद पर रहते हुए ही उनका आकस्मिक निघन हो जाने के बाद दरभंगा जिला के अधिवक्ता और परिवार एवं गांव के लोग अपने-आप को असहाय मानते हैं।
उन्होंने कहा कि वकालत खाना में स्वर्गीय इन्दू बाबू की प्रतिमा लगनी चाहिए। अधिवक्ता दया शंकर मिश्र उर्फ लाल बाबु ने कहा कि महासचिव पद पर रहते हुए उन्होंने दरभंगा में हाईकोर्ट बेंच का गठन, अन्य प्रांतो की भांति ही प्रदेश में भी सिविल रिवीजन का अधिकार जिला जज को देने, रेलवे कोर्ट, विद्यूत कोर्ट, विजिलेंस कोर्ट, न्यायालय भवन के साथ वकालत खाना भवन का निर्माण, नव वकीलों को प्रशिक्षण की व्यवस्था समेत विभिन्न जन हितैषी कार्यो को लेकर हमेशा आंदोलित रहे।
अधिवक्ता भवनाथ मिश्रा ने कहा कि ऑल इंडिया बार काउंसिल के इतिहास में स्व. इंदू बाबू ने महासचिव के पद पर लगातार चार बार चुनाव जीते। जो अपने-आप में इतिहास है। आज तक ऐसा इतिहास नहीं बना है और न बनेगा क्योंकि नियम के अनुसार एक पद पर एक व्यक्ति दो बार ही चुनाव जीत कर पद पर कार्यरत रह सकते हैं।
अधिवक्ता मनोज कुमार मिश्रा, आयोजित श्रद्धांजलि सभा में स्वर्गीय इन्दू बाबू के संघर्षशील जीवन पर प्रकाश डाला । मौके पर दरभंगा जिला न्याय मित्र संघ के सचिव प्रमोद कुमार ठाकुर , के अलावे उनके परिवार के सदस्य मदन मोहन मिश्र उर्फ छोटू, शुधांशु शेखर उर्फ बाबू ,कार्तिक कुमार, रवि प्रकाश,आदित्य कुमार, अभिषेक रंजन मौजूद थे । कार्यक्रम का संचालन इंदू बाबू के बड़े लड़के सुधीर कुमार मिश्र उर्फ ललन जी ने किया।