स्वास्थ्य विभाग के कार्यों की प्रगति की समीक्षा में कोविड-19 टीकाकरण का लक्ष्य पूरा करने का निर्देश
दरभंगा। अम्बेडकर सभागार में स्वास्थ्य विभाग के कार्यो की प्रगति की ऑनलाइन समीक्षा बैठक प्रभारी जिलाधिकारी तनय सुल्तानिया की अध्यक्षता में की गई। बैठक में उन्होंने द्वितीय चरण के कोविड-19 टीकाकरण के लिए लक्ष्य समूह को प्रोत्साहित कर उनका शत-प्रतिशत टीकाकरण कराने का निर्देश सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को दिया। उन्होंने कहा कि यदि वे छूट जाते हैं, तो उनका टीकाकरण नहीं हो पाएगा।
आयुष्मान पखवाड़ा के दौरान गोल्डन कार्ड बनाने की समीक्षा के क्रम में जिला समन्वयक आयुष्मान भारत की ओर से बताया गया कि 20 फरवरी को बिरौल, गौड़ाबौराम, हनुमाननगर, जाले, किरतपुर एवं कुशेश्वरस्थान प्रखंड में गोल्डन कार्ड के आवेदकों की संख्या 10 से भी कम रही, जो कि चिंताजनक है। प्रभारी जिलाधिकारी ने प्रत्येक आशा कार्यकर्ता को गोल्डन कार्ड बनवाने के लिए प्रतिदिन कम से कम 20 आवेदकों को पंचायत सरकार भवन लाकर गोल्डेन कार्ड बनवाने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
उन्होंने कहा कि सभी प्रखंडों में एएनएम, सेविका, सहायिका, जीविका दीदी एवं आशा द्वारा लोगों को प्रोत्साहित कर पंचायत सरकार भवन एवं आरटीपीएस पोर्टल तक गोल्डेन कार्ड बनवाने के लिए लाया जाएगा। अलीनगर में 1 लाख 12 हजार, बहादुरपुर में 1 लाख 78 हजार, बहेड़ी में 1लाख 98 हजार, बेनीपुर में 1लाख 15 हजार, बिरौल में 02 लाख 27 हजार, दरभंगा सदर में 1लाख 93 हजार, गौड़ाबौराम में 1 लाख 10 हजार, घनश्यामपुर में 83 हजार हनुमाननगर में 01 लाख 21 हजार, हायाघाट में 1लाख 31 हजार ,जाले में 2 लाख, केवटी में 2 लाख, किरतपुर में 59 हजार, कुशेश्वरस्थान में 1लाख 36 हजार, कुशेश्वरस्थान पूर्वी में 1लाख 03 हजार, मनीगाछी में 1 लाख 62 हजार, सिंहवाड़ा में 1लाख 83 हजार एवं तारडीह में 86 हजार लोगों का गोल्डन कार्ड बन सकता है। यह पखवाड़ा 3 मार्च तक चलेगा। लेकिन, पंचायत स्तरीय कैंप में आने वाले आवेदकों की संख्या काफी कम है।
समीक्षा में पाया गया है कि सेविका, सहायिका एवं जीविका दीदी द्वारा गोल्डेन कार्ड बनवाने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने में कोताही बरती जा रही है।प्रभारी जिला पदाधिकारी ने जिला प्रोग्राम पदाधिकारी आईसीडीएस एवं जिला परियोजना प्रबंधक जीविका को इस संदर्भ में पत्र प्रेषित कर उन्हें सक्रिय बनाने का निर्देश दिया है। गोल्डन कार्ड से 5 लाख तक का निःशुल्क इलाज 1 साल तक कार्ड धारी करा सकते हैं। इलाज का खर्च बीमा कंपनी उठाएगी। प्रभारी जिलाधिकारी ने कहा कि लोगों में जागरूकता की कमी होने के कारण कम संख्या में आवेदन आ रहे हैं। यदि उन्हें इस योजना के लाभ से भलीभाँति अवगत करा दिया जाए, तो काफी संख्या में लोग आने लगेंगे।
इस अवसर पर परिवार नियोजन टीकाकरण ई-संजीवनी टेलीमेडिसन सेवा, वंडर एप्प की भी समीक्षा की गयी। केयर इंडिया की जिला समन्वयक डॉ.श्रद्धा झा ने बताया कि जिले में परिवार नियोजन कार्यक्रम की गति धीमी है। दरभंगा जिला में पहले सर्जन की कमी थी। लेकिन, सितंबर 2020 में जिले में चार सर्जन की पदस्थापना हुई है। अगर वे सक्रिय हो जाए तो इस कार्यक्रम में गति आ जाएगी।
बताया गया कि बहादुरपुर में पदस्थापित सर्जन नेहा कुमारी को सप्ताह में 1 दिन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र केवटी में तथा सर्जन शिल्पा कुमारी को सदर पीएचसी में एक दिन परिवार नियोजन कार्यक्रम के लिए प्रतिनियुक्ति की गई है। अगर ये सर्जन सक्रिय हो जाए, तो दरभंगा में परिवार नियोजन कार्यक्रम का लक्ष्य पूरा हो सकता है।
प्रभारी जिलाधिकारी ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बहादुरपुर में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को इन दोनों सर्जन को निर्धारित दिन में केवटी एवं सदर में परिवार नियोजन करने के लिए भेजने का निर्देश दिया गया। बैठक में उप निदेशक जन संपर्क नागेंद्र कुमार गुप्ता, डीपीएम विशाल कुमार, केयर इंडिया के जिला समन्वयक श्रद्धा झा, यूनिसेफ के शशिकांत सिंह उपस्थित थे।