कोरोना टेस्टिंग, टीकाकरण व इलाज को लेकर हुई बैठक
सीसीसी ऑक्सीजन कंसंट्रेटर का करें उपयोग: डीएम डॉ.एसएम
दरभंगा। समाहरणालय अवस्थित अम्बेदकर सभागार में जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एस.एम. की अध्यक्षता में जिले में कोरोना टेस्टिंग, टीकाकरण व इलाज की व्यवस्था को दुरूस्त करने को लेकर सिविल सर्जन व स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों के साथ बैठक की गयी।
बैठक में बताया गया कि जिला भंडार गृह में कोविड-19 के लिए निर्देशित सभी दवा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। इनमें मल्टीविटामिन, डी-ऑक्सीसाइक्लिन, आइवरमेक्टिन, एजिथ्रोमाईसिंन शामिल हैं। इसलिए यदि किसी कोविड केअर सेंटर या पीएचसी में दवा नहीं है, तो वह जिला भंडार गृह से दवा प्राप्त कर लें, लेकिन कहीं भी दवा की कोई कमी नहीं होनी चाहिए।
जिलाधिकारी ने कहा कि जिले में 56 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध हैं। इनमें से सभी कोविड केयर सेन्टर में 02-02 तथा बेनीपुर, जाले में 08-08 एवं मनीगाछी में 06 ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर उपलब्ध हैं। जिन मरीजों का SPO2 (ऑक्सीजन लेवल) 90 से 94 प्रतिशत के बीच है। उनके लिए ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर का ही प्रयोग किया जाए। यहां तक की SPO2- 86 तक वाले मरीज जिनका ऑक्सिजन लेवल स्थिर है, के लिए भी ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर से ऑक्सीजन आपूर्ति की जा सकती है। उससे नीचे वाले मरीजों को ही ऑक्सीजन सिलेंडर की आवश्यकता पड़ती है। इन ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर का उपयोग किया जाना चाहिए। इसलिए होम आइसोलेशन के वैसे मरीज जिनका SPO2 – 94 प्रतिशत से कम है, उन्हें कोविड केयर सेन्टर में भर्ती कर ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर से ऑक्सीजन उपलब्ध कराया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि इसके लिए प्रखंड विकास पदाधिकारी प्रतिदिन प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी व प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक के साथ बैठक कर समीक्षा कर लें। प्रखण्ड में कोरोना टेस्टिंग ठीक से हो रही है या नहीं, यह भी देखना होगा। कई जगहों से लैब टेक्नीशियन की समस्या बतायी जा रही है। कहीं-कहीं 02-02 लैब टेक्नीशियन हैं, जहां 02 लैब टेक्नीशियन हैं, वहां से 01 लैब टेक्नीशियन वैसी जगहों पर उपलब्ध कराया जाए, जहां नहीं है।
उन्होंने कहा कि कंटेनमेंट जोन, बाजार क्षेत्र और वैसी जगह जहां बाहर से लोग आए हैंं, वहां टेस्टिंग जरूर करायी जाए। जहां बाहर से लोग आए है, वहां आरटीपीसीआर टेस्टिंग करायी जाए। जो लोग होम आइसोलेशन में है, उनको ड्रग किट्स दिया गया है या नहीं, उनके यहां आशा या एएनएम होम विजिट कर रही है या नहीं, टेलीफोन से उन्हें चिकित्सीय सलाह दिया जा रहा है या नहीं इसकी समीक्षा प्रतिदिन होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि कोविड केयर सेन्टर में माइल्ड पॉजिटिव मरीजों को, जिनका SPO2- 94 से कम है तथा ऑक्सिजन लेवल स्थिर है, उन्हें भर्ती करना पड़ेगा। अगर कोविड केयर सेन्टर में बेड बिल्कुल खाली है, तो यह माना जाएगा कि वहां कोई काम नहीं हो रहा है।
उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर का प्रयोग करने से ऑक्सीजन सिलेण्डर की बचत की जा सकती है। इसलिए अधिक से अधिक ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर का इस्तेमाल करें।
न्होंने टीकाकरण की समीक्षा करते हुए कहा कि टीकाकरण में तेजी लायी जाए तथा फ्रंट लाईन वर्कर जिन्होंने दुसरा डोज नहीं लिया है, उन्हें दुसरा डोज दिलवाया जाए।
म्बुलेंस की समीक्षा करते हुए कहा कि डीएमसीएच जो भी मरीज आएं वह प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के एम्बुलेंस से ही आएं। उन्होंने सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को अपने आशा, एएनएम व स्वास्थ्य कर्मियों को आई कार्ड उपलब्ध करा देने का निर्देश दिया, ताकि लॉकडाउन में उन लोगों के आवागमन में कोई कठिनाई हो सके।
बैठक में सिविल सर्जन डॉ. संजीव कुमार सिन्हा, उप निदेशक, जन सम्पर्क नागेन्द्र कुमार, डी.पी.एम. हेल्थ विशाल सिंह, डब्लू.एच.ओ. के डॉ. वाशव राज, यूनिसेफ के डॉ. ओंकार चन्द्र एवं डॉ. शशिकान्त सिंह, सहायक औषधि नियंत्रक, दरभंगा, केयर इण्डिया की जिला समन्वयक डॉ. श्रद्वा झा व अन्य संबंधित उपस्थित थे। वहीं सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ऑनलाईन जुड़े हुए थे।