दरभंगा, देशज टाइम्स ब्यूरो। भारत को एक संपूर्ण प्रभुत्व-संपन्न, समाजवादी पंथनिरपेक्ष लोकतंत्रात्मक गणराज्य की स्थापना की परिकल्पना साकार करने व जीवन में आत्मसात करने के संकल्प के साथ दरभंगा बार एसोसिएशन भवन में अधिवक्ताओं ने एक स्वर में अधिकार की रक्षा का संकल्प दोहराया।
गुरुवार को अधिवक्ता रमणजी चौधरी की अध्यक्षता में आयोजित इस संविधान दिवस कार्यक्रम का संचालन जिला विधि प्रकोष्ठ का संयोजक वकील अमरनाथ झा ने किया। कार्यक्रम में शामिल सभी वकीलों ने भारत के संविधान का प्रस्तावना पढ़कर अपने जीवन में आत्मसात करने का संकल्प लिया। समारोह को संबोधित करते श्री चौधरी ने कहा कि विश्व के सभी देशों के सामाजिक व्यवस्था का संचालन संविधान के दायरे में किया जाता है।
इसी परिपेक्ष्य में स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात 26 नवंबर 1949 को भारत का संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित किया गया था। संविधान विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत में सबसे बड़ा संविधान के माध्यम से भारत को एक संपूर्ण प्रभुत्व-संपन्न, समाजवादी पंथनिरपेक्ष लोकतंत्रात्मक गणराज्य की स्थापना की परिकल्पना साकार हुई थी।
संविधान के माध्यम से हमें कुछ मौलिक अधिकार प्राप्त है। वहीं संविधान के 42वें संशोधन अधिनियम,1976 धारा 11 द्वारा संविधान के भाग 4 क के अन्तर्गत अनुच्छेद 51 क में मूल कर्तव्य 10 मूल कर्तव्य अन्त:स्थापित की गई एवं 86 संबोधन अधिनियम 2002 के तहत 11कर्तव्य जोड़ा गया। हम सभी अपने अधिकारों के साथ-साथ 11 मूल मौलिक कर्तव्यों का भी निर्वहन करें। धन्यवाद ज्ञापन श्री झा ने किया।
आयोजित कार्यक्रम में जितेंद्र नारायण झा, राजीव रंजन ठाकुर, उज्जवल गोस्वामी, संतोष कुमार झा, भवनाथ मिश्रा, संतोष कुमार सिन्हा, चंदा वर्मा, माया शंकर चौधरी, मनोज कुमार, प्रमोद कुमार ठाकुर, मनोज कुमार झा, शशिभूषण प्रसाद सिंह समेत दर्जनों अधिवक्ता मौजूद थे।