उत्तम सेन गुप्ता बिरौल देशज टाइम्स डिजिटल डेस्क। गत 6 जून रविवार को सीएचसी घनश्यामपुर अस्पताल में एम्बुलेंस के अभाव में पुनहद गांंव के प्रसूति महिला की हुई मृत्यु के खिलाफ प्रखंड अध्यक्ष रुद्रप्रताप सिंह के नेतृत्व में मंगलवार को एक दिवसीय धरना सह घेराव का कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में मृतका प्रसव पीड़िता के परिजन समेत दर्जनों ग्रामीण उपस्थित थे।
आंदोलन के माध्यम से दोषियों पर कठोर कारवाई, सम्बंधित पीड़ित परिवार को मुआवजा जैसे माँग रखे गए हैं। ज्ञात हो कि 6 जून रविवार की रात्रि सीएचसी घनश्यामपुर में अस्पताल के कुप्रबंधन की वजह से पुनहद गांंव के सोहन दास की पुत्री सविता कुमारी की मृत्यु हो गई।
प्रसव के लिए CHC पहुंची जहां एएनएम और चिकित्सक द्वारा प्रसूति को देर रात DMCH रेफर किया गया,लेकिन उस समय ना तो अस्पताल पर एम्बुलेंस की कोई व्यवस्था थी ना ही प्रबंधन के लिए कोई जिम्मेदार पदाधिकारी ही मौजूद थे। एम्बुलेंस की व्यवस्था के लिए अस्पताल के कर्मचारी लगातार अस्पताल प्रबंधक को संपर्क करने का प्रयास करते रहे लेकिन उन्होंने प्रत्युत्तर नहीं दिया।
गरीब अबला परिवार के लोग अपने साथ गए आशा कार्यकर्ता के साथ रात के 2 बजे निजी एम्बुलेंस की व्यवस्था करने निकले लेकिन व्यवस्था नहीं हो पाई। उधर प्रसूति के शरीर से लगातार खून निकलते गया और अंततः सविता ने दम तोड़ दी। मृतका की नवजात बच्ची को वहांं की कुव्यवस्था ने जन्म के साथ ही अनाथ बना दिया। इधर अस्पताल प्रशासन ने मृत्यु के बाद अपने ऊपर होनेवाले संभावित कारवाई से बचने के लिए बदहवास में रो रहे मृतका के परिजन से कागजात पर जबरन अंगूठा लगवा लिया। इस बात की पुष्टि स्वयं मृतका की मांं ने किया है।
घटना के संदर्भ में सभा को सम्बोधित करते हुए MSU के राष्ट्रीय प्रवक्ता धीरज कुमार झा ने कहा कि आए दिन यहां के सीएचसी से लगातार अनियमितता,लापरवाही और अवैध वसूली जैसी बातें सामने आती रहती है और अब यहांं की कुव्यवस्था ने एक अबला परिवार के बेटी की हत्या किया है।
उन्होंने कहा कि जब CHC घनश्यामपुर से प्रसूति को DMCH रेफर किया गया तो ये अस्पताल प्रबन्धन कि जिम्मेदारी बनती थी कि वो एम्बुलेंस की व्यवस्था कर उन्हें DMCH तक पहुंचाए लेकिन किसी ने अपने कर्तव्य का निर्वहन नहीं किया।
श्री झा ने कहा कि इस व्यवस्था में आमजनमानस का विश्वास कायम रखने के लिए जरूरी है कि जिन पदाधिकारियों की लापरवाही की वजह से उक्त पीड़िता का देहांत हुआ उन्हें तत्काल बर्खास्त/निलंबित किया जाए ताकि स्पष्ट सन्देश जाए कि इस प्रकार अपनी जिम्मेदारी के निर्वहन में लापरवाही बरतने वाले पदाधिकारी पर कोई नरमी नहीं बरती जाएगी।
दोषियों पर करवाई ही पीड़िता के लिए वास्तविक न्याय होगा।सभा को संगठन के जिला उपाध्यक्ष राघव झा, राहुल सिंह, कार्तिक सिंह, शिवम झा, सौरभ मिश्र, गौतम चौधरी ने भी सम्बोधित किया।मौके पर पीड़ित परिवार के माता पिता, परिजन एवं संगठन के रौशन भारद्वाज, सोनू झा, श्यामल झा, चन्दन कुमार, शुभम सिंह, अनन्त कुमार, कुंदन सिंह, रोहित सिंह, मुकुंद, नीतीश, आकाश, शिवम, त्रिपुरारी, प्रेम प्रकाश, सिद्धार्थ,मौजूद रहे।