बेगूसराय, 01 अप्रैल। गर्मी का सीजन और गेहूं कटनी का समय आते ही आग ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है। गुरुवार को तेघड़ा थाना क्षेत्र के एक बहियार में गेहूं के फसल में लगी आग से 40 लाख से अधिक की क्षति हुई है। अगलगी के बाद पीड़ित किसान परिवार में हड़कंप मच गया है तथा कर्जा लेकर खेती करने वाले किसान परिवार बेसुध हो गए हैं। घटना गौड़ा बहियार की है, जहां गुरुवार की दोपहर अचानक गेहूं के एक खेत में आग लग गई। आग की लपट देखकर जब तक लोग सतर्क होते आग ने विकराल रूप धर लिया और देखते ही देखते एक सौ बीघा से अधिक गेहूं की फसल राख हो गई। सूचना मिलने के करीब एक घंटे बाद पहुंची दमकल ने किसी तरह आग को आगे फैलने से रोका। आग की सूचना मिलते ही इलाके के हजारों लोगों की भीड़ जुट गई।
बेगूसराय में एक सौ बीघा से अधिक गेहूं की फसल जलकर राख, 40 लाख से अधिक की क्षति
पीड़ित किसानों ने बताया कि बहियार होकर बिजली का कई हाई वोल्टेज तार गया है। जिसके कारण गर्मी के समय में बराबर हादसा होते रहता है। प्रशासनिक स्तर पर कुछ जगह अग्निशमन विभाग के नंबर प्रसारित किए गए हैं लेकिन उस नंबर पर या तो फोन नहीं लगता है या रिसीव नहीं किया जाता है। गुरुवार को भी आग लगने के बाद अग्निशमन विभाग को सूचना दी गई। लेकिन काफी देर के बाद दमकल वाहन पहुंचा, तब तक किसानों ने आग पर काबू पा लिया था। अग्निशमन विभाग की टीम सिर्फ राख को बुझाने पहुंची। इधर, अगलगी की बढ़ती संभावना के मद्देनजर आपदा प्रबंधन प्राधिकरण तथा अग्निशमन विभाग ने गाइडलाइन जारी कर लोगों से सतर्कता बरतने की अपील की है।
गाइड लाइन में कहा गया है कि खलिहान हमेशा गांव की आबादी एवं फसलों से दूर खुले स्थान पर लगायें। थ्रेशर का उपयोग करते समय डीजल इंजन या ट्रैक्टर के साईलैंसर को लम्बे पाईप के द्वारा ऊंचाई पर रखें। थ्रेशर का उपयोग करते समय पास में कम से कम दो सौ लीटर पानी भरकर रखें। खलिहान के आस-पास छोटी बाल्टियों में रेत या बालू भरकर रखें। रोशनी के लिए सोलर लैम्प, टार्च, इमरजेन्सी लाईट इत्यादि बैटरी वाले यंत्र का ही प्रयोग करें।
एक खलिहान से दूसरे खलिहान की दूरी 20 फीट से कम नहीं रखी जाए। खलिहान वैसी जगह लगायी जाय जहां अग्निशमन वाहन आसानी से पहुंच सके तथा जल स्त्रोत नजदीक हो। खलिहान में कच्ची फसलों का बड़ा टाल नहीं लगायी जाय। खलिहान के आस-पास अलाव नहीं जलाएं तथा बिजली की नंगी तारें के नीचे खलिहान नहीं बनाएं। नमी वाले फसलों की थ्रेसरिंग नहीं करें। दिन का खाना नौ बजे सुबह के पहले एवं रात का खाना शाम छह बजे के बाद बना लें। हवन-अनुष्ठान सुबह नौ बजे से पहले कर लें।खाना बनाकर चूल्हे की आग को पानी से अच्छी तरह बुझा दें। खेत-खलिहान के आस-पास बीड़ी-सिगरेट ना पीयें, ना पीने दें। खेतों मे फसल काटने के बाद बचे डंठल को नहीं जलाएं। आग लगने पर फायर ब्रिगेड (101 नंबर) एवं प्रशासन को सूचित करें।
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