अप्रैल,20,2024
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बेगूसराय में बजरंग दल ने सरकार से की मांग,देश की सभी मस्जिदों से अविलंब हटाया जाए लाउडस्पीकर

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बेगूसराय। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के युवा आयाम बजरंग दल ने देश के सभी मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने की मांग सरकार से की है। बजरंग दल का कहना है कि मस्जिदों में लगे लाउडस्पीकर से उन्माद फैलाकर नरसंहार कराया जाता है। बजरंग दल के प्रदेश सह संयोजक शुभम भारद्वाज ने गुरुवार को बेगूसराय में कहा है कि मस्जिदों में लाउडस्पीकर की भरमार है। इस लाउडस्पीकर का उपयोग गलत कार्यों में हो रहा है। कई राज्यों में विभिन्न संघ-संगठनों द्वारा मस्जिद से लाउडस्पीकर हटाने की मांग की जाती रही है लेकिन इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है, जिसके कारण घटनाएं लगातार हो रही है।

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शुभम ने कहा कि किशनगंज के थाना प्रभारी 1994 बैच के जांबाज इंस्पेक्टर अश्विनी कुमार की पश्चिम बंगाल में उन्मादी जिहादियों द्वारा हत्या करने से सम्पूर्ण राष्ट्रभक्त समाज में आक्रोश और शोक व्याप्त है। उनकी हत्या में सबसे बड़े शस्त्र के रूप में मस्जिद के लाउडस्पीकर का इस्तेमाल हुआ था। अश्विनी कुमार बंगाल के पनतापारा में मोटरसाइकिल चोर को पकड़ने गए थे, तभी वहां बसे रोहिंग्या मुसलमान जिन्हें स्थानीय भाषा में सिरसावादी मियां बोला जाता है कि उन्मादी भीड़ ने मस्जिद के लाउडस्पीकर से सभी रोहिंग्या को एकत्रित कर षड्यंत्र के तहत इंस्पेक्टर अश्विनी कुमार की बेरहमी से तलवार, डंडे इत्यादि हथियारों से निर्ममता से हत्या की।
इतिहास की सबसे बड़ी मोब्लिंचिंग यानी 1990 में कश्मीरी हिन्दूओं के नरसंहार और उन्हें घाटियों से खदेड़ने में सबसे बड़ी भूमिका यही अजान देने वाली मस्जिद के लाउडस्पीकरों की थी। एकाएक इन यंत्रों से आवाज आई थी कि काफिरों 48 घंटे के भीतर घाटी छोड़ो, अपनी मां-बहन-बेटियों को छोड़ जाओ। बाद में जो विभत्स नरसंहार हुआ, उसे सबने देखा लेकिन न्याय के लिए शतत कदम हिंदू संगठन को छोड़कर किसी ने नहीं उठाया। शुभम ने कहा कि चाहे नागरिकता कानून के दौरान भड़की हिंसा हो या अन्य कोई बड़ी हिंसा, इन सब में इन्हीं लाउडस्पीकर के कारण हिंसा बढ़ी है। सरकार और प्रशासन भविष्य में शांति के लिए लाउडस्पीकर से अजान पर अविलंब प्रतिबंध लगाए और देश केे सभी मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटवाए।

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