बेगूसराय, 25 मार्च। बिहार में शराबबंदी कानून का मजाक उड़ाने और खाकी की हनक दिखाने वाले सात पुलिस कर्मियों पर बड़ी कार्रवाई हो गई है। बेगूसराय के डीआईजी राजेश कुमार ने एसपी की अनुशंसा पर छह कर्मियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया है, जबकि एक अधिकारी का डिमोशन किया गया है। कार्रवाई की जद में आए पुलिसकर्मियों में पांच अधिकारी एवं दो सिपाही हैं।
एसपी अवकाश कुमार ने गुरुवार को बताया कि शराब पीने के कारण पुलिस अवर निरीक्षक श्रीकांत राय, सहायक अवर निरीक्षक बालेश्वर पासवान एवं सिपाही अभिनव आनंद को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। सिपाही अशर्फी पासवान को शराब पीने तथा उसके आवास से शराब की बोतल मिलने के कारण अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी गई है। अशर्फी पासवान 2018 में जब तेघड़ा थाना में पदस्थापित था, तो उसे शराब के नशे में चूर पकड़ा गया। इसके बाद उसके किराए के मकान से पांच सौ एमएल का एक बोतल शराब बरामद किया गया था।
सहायक अवर निरीक्षक विनोद कुमार पाल को शराब से संबंधित वीडियो वायरल होने के बाद सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। जबकि, पुलिस अवर निरीक्षक कपिलदेव कुमार को रिश्वत लेते हुए पकड़े जाने के कारण सेवा से बर्खास्त किया गया है। अभी बखरी थाना के जन शिकायत कोषांग में कार्यरत कपिलदेव कुमार 2017 में खगड़िया जिले के मानसी थाना में एसआई के पद पर कार्यरत थे। उस समय निगरानी विभाग की टीम ने पांच हजार रिश्वत लेते हुए उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इसी मामले को लेकर शुरू की गई विभागीय कार्रवाई के बाद कपिलदेव कुमार को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है।
एक अन्य प्रकरण में भगवानपुर थाना में शराब के एक मामले का वीडियो वायरल हुआ था। वायरल वीडियो की जांच पड़ताल में एसपी ने विनोद कुमार पाल की संलिप्तता पाई। उसके बाद विभागीय कार्रवाई करते हुए उसे बर्खास्त कर दिया गया है। इन लोगों के साथ ही शराब माफिया को सहयोग करने के कारण पुलिस अवर निरीक्षक ब्रजेश कुमार का डिमोशन कर सहायक अवर निरीक्षक बना दिया गया है।
ब्रजेश कुमार पर आरोप था कि उसने शराब मामले में कुख्यात कारोबारी मुन्ना सिंह पर कमजोर धारा लगाकर उसे लाभ दिलाया है। इस कार्रवाई से शराब समेत विभिन्न भ्रष्टाचार में लिप्त पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों में जहां खलबली मच गई है, वहीं, जनता का विश्वास जगा है। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री द्वारा कड़े निर्देश के कारण यह बड़ी कार्रवाई हो सकी है।