बगहा। बिहार में चंपारण की बेटी सौम्या मिश्र नौकरी करने के बजाय समाज सेवा कार्य में दिन रात लगी हुई है।
सौम्य ने बताया कि यूपीएससी की तैयारी के दौरान समाज सेवा का भाव जगने लगा। उसी दौरान अपने दोस्त मुक्तेश के साथ मिलकर मिशन अन्नपूर्णा नाम से एनजीओ की शुरुआत की।
उन्होंने कहा कि 2020 में कोरोना महामारी के समय में 73 दिनों तक दिल्ली में 250- 300 यूपीएससी एप्रेंटिस और आस पास के जरूरतमंदों को खाना खिलाने का काम दिन रात किया। दिल्ली और महाराष्ट्र के पालघर जिले में भी खाने की व्यवस्था के साथ-साथ लगभग 6000 जरूरतमंदों को सूखा राशन भी उपलब्ध करवायी।
उन्होंने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर में जब लोगों को अपनी और अपने परिवार की चिंता सता रही थी। इस बीच इन्होंने अनजान लोगों की मदद एनजीओ और व्यक्तिगत माध्यम से करनी शुरू की। कई बार माध्यम सोशल मीडिया भी बना। अब तक काफी लोगों को ऑक्सीजन बेड, आईसीयू, दवाइयां, ब्लड डोनर, राशन तथा अन्य तरीके से मदद की है।
उन्होंने अररिया, पूर्णिया, गया, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, सिवान, मोतिहारी, पटना, दिल्ली, गाजियाबाद, हापुड़ रुड़की, मुजफ्फरनगर, बरेली, देहरादून, हरिद्वार, मुंबई, नवी मुंबई , नागपुर, बैंगलोर इत्यादि जगहों पर अनजान लोगों की मदद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।
उन्होंने बताया कि मेरी मां मीना मिश्र एक सामाजिक महिला हैं, जो अपने एक निज के पार्लर में कई लड़कियों को अपने पैर पर खड़ा होने के लिए रोजगार प्रशिक्षण देती हैं। इसके साथ ही भाजपा महिला मोर्चा पूर्वी चम्पारण के जिलाध्यक्षा हैं। वहीं पिता हेमंत मिश्र रेल सेवा में एक पदाधिकारी के तौर पर कार्यरत हैं।
उन्होंने बताया कि ससुर सुरेश कुमार एक किसान हैं, जो देश के लिए अन्न उपजाते हैं और सास गीता देवी प्रधान शिक्षिका हैं। पति अर्धेंदु कुमार सेना में पदाधिकारी बनकर देश सेवा में कार्यरत हैं।
सभी के मनोबल बढ़ाने से यह सेवाभाव में लगी हुई हैं और आगे भी अपने परिवार के बल और समाज, देश के प्रबुद्धजनों के आशीर्वाद से निरंतर सेवा में लगी रहूंगी।