पटना। कोरोना की दूसरी लहर हर दिन नया रिकॉर्ड बना रही है। रविवार को प्रदेशभर में विगत 24 घंटे में कुल 100604 टेस्ट सैम्पल की जांच में 8,690 नए मामले मिले हैं। अबतक कुल 2,77,667 मरीज ठीक हुए हैं। वर्तमान में कोविड-19 के संक्रिय मरीजों की संख्या 44700 है। बिहार में कोरोना मरीजों का रिकवरी प्रतिशत 85.67 है।
मौत की गिनती भी बढ़ती ही जा रही है।पटना के पीएमसीएच में नौ और एनएमसीएच में आठ और संक्रमितों की मौत हो गई। पीएमसीएच में जान गंवाने वालों में दो महिलाएं भी हैं। एनएमसीएच में पांच महिलाओं की जान गई।
बिहार में आज पटना में 2290, गया में 753, भागलपुर में 376, औरंगाबाद में 353,बेगूसराय में 237, बक्सर में 204, जहानाबाद में 197, कटिहार में 148, नालंदा में 167, पूर्णिया में 198, सारण में 383, सिवान में 248, वैशाली में 171, सहरसा में 219, मुजफ्फरपुर में 235, मुंगे में 230, पूर्वी चम्पारण 246 और पश्चिम चम्पारण में 237 कोरोना संक्रमित के नए मामले सामने आए हैं।
बिहार में आज कोरोना से कैमूर के नवोदय विद्यालय के प्राचार्य राजेश कुमार सोनी की भी मौत हो गई। रविवार की सुबह बीएचयू में उनका निधन हुआ। उधर, पीएमसीएच के एक सेवानिवृत डॉक्टर की बेड नहीं मिलने की वजह से मौत हो गई। पटना के बिशप स्कॉट स्कूल के मालिक शैलेश सिंह समेत प्रदेश में तीन स्कूल संचालकों की जान चली गई। मुंगेर में तीन की मौत के बाद स्वास्थ्यकर्मियों ने शवों की रैपिंग करने से मना कर दिया। पटना विश्वविद्याल (पीयू) में करीब 30 से ज्यादा कर्मचारी संक्रमित हो गए हैं। वहां के एक विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. गोविंद कुमार की भी मौत हो गई है।
मैथिली-रंगमंच के मशहूर अभिनेता, वरिष्ठ नाटककार और पटना हाईकोर्ट में सहायक निबंधक कुमार गगन का भी कोविड संक्रमित होने के बाद निधन हो गया। उन्होंने लगभग आधा दर्जन नाटकों, दो-तीन एकांकी, अनुदित नाटक व नाट्य रूपांतरण की भी रचना की थी। उधर बिहटा के बीडीओ भी पॉजिटिव हो गए हैं।
पिछले 24 घंटे के दौरान प्रदेश में तीन स्कूल के संचालकों की मौत हो गई है। पटना के बिशप स्कॉट स्कूल के मालिक की शैलेश सिंह की एम्स में मौत हो गई। पूरे परिवार को ही कोरोना हो गया था। अन्य सदस्यों की हालत ठीक है। दरभंगा में इंडियन पब्लिक स्कूल के प्रिंसिपल इश्तियाक अहमद की जान चली गई है। आरा के एसएम मेमोरियल के संचालक की भी मौत हो गई है।कोरोना से मुंगेर में तीन लोगों की मौत हो गई है। दो मृतक असरगंज और एक हवेली खड़गपुर का है। तीनों मरीज की मौत के बाद स्वास्थ्यकर्मियों ने शव को रैपिंग करने से इनकार दिया। परिजनों को पीपीई किट देकर खुद रैपिंग करने का आदेश दे दिया। मामला तूल पकड़ा देख सिविल सर्जन ने हस्तक्षेप किया। इसके बाद टीम ने शव की रैपिंग की।
उर्दू साहित्य के मूर्धन्य साहित्यकार, अदीब एवम शायर डॉक्टर मोनाजिर आशिक हरगानवी का भी कोरोना से निधन हो गया। उन्होंने 300 किताबें संपादित की है। वे भागलपुर यूनिवर्सिटी में उर्दू विभाग में प्रोफेसर थे। वहीं से सेवानिवृत हुए थे। उर्दू बाल साहित्य पर उन्हें अकादमी पुरस्कार भी मिल चुका है। अंगिका के लोकगीतों का उर्दू में उन्होंने अनुवाद किया था। दंगा पर लिखी उनकी कविता काफी चर्चा में आई थी। मशहूर पत्रकार रियाज अजीमाबादी ने भी इस दुनिया को अलविदा कह दिया। उर्दू और हिंदी पत्रकारिता में उनका अहम योगदान रहा है। मुस्लिम सियासत को लेकर वे हमेशा चिंतित रहते थे। वाम विचारधारा से प्रभावित थे। सेहत खराब रहने के बावजूद सामाजिक कार्यों में लगे हुए रहते थे। उन्होंने ब्लिट्ज अखबार के बिहार प्रमुख की भी जिम्मेदारी संभाली थी।
सरकार का दावा हो रहा फेल
सरकार का दावा है कि संक्रमितों के लिए अस्पतालों में पर्याप्त बेड हैं और कहीं कोई समस्या नहीं है। इस दावे के इतर सरकारी अस्पताल पूरी तरह से फुल हैं। नए मरीजों के लिए कहीं कोई व्यवस्था नहीं हैं। प्राइवेट अस्पताल ऑक्सीजन नहीं होने के कारण मरीजों को वापस कर रहे हैं। ऐसे में गंभीर लक्षण वाले मरीजों को भी घर में रहना पड़ रहा है जो काफी खतरनाक है। ऐसे संक्रमितों की जान पर हमेशा खतरा बना रहता है।
पटना के एनएमसीएच में इनकी हुई मौत
- पटना की कुर्जी निवासी67 साल की वृद्धा
- जहानाबाद के छोटकी बनपुरा निवासी35 साल का अधेड़
- पटना के कंकड़बाग की57 साल की वृद्धा
- जमालपुर के खरीदपुर निवासी48 साल के अधेड़
- जमालपुर निवासी61 साल की वृद्धा
- आरा निवासी32 साल की महिला
- पटना के गरौल निवासी75 साल के वृद्ध
- पटना के कंकड़बाग निवासी58 साल की वृद्धा