नवादा, देशज न्यूज। जिले के रजौली निवासी कम्युनिस्ट पार्टी के पूर्व सचिव व पोलित ब्यूरो 98 वर्षीय गणेश शंकर विद्यार्थी ने सोमवार की देर रात्रि पटना के रूबेन अस्पताल में अंतिम सांस ली। उनकी मृत्यु से नवादा जिले में शोक की लहर दौड़ गई है। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनकी मौत की खबर देर रात्रि में ही उनकी (98-year-old left-wing enlightened leader former MLA Ganesh Shankar Vidyarthi dies) शुभचिंतकों और नवादा व राजौली में रह रहे उनके परिजनों को मिल गई थी। जिसके बाद सभी लोग उनके अंतिम दर्शन करने को लेकर विचार विमर्श करने लगे ।
सुबह तक उनका पार्थिक शरीर रजौली नहीं आया था ।उनका अंतिम संस्कार पटना में ही होगा या रजौली में अभी कुछ स्पष्ट नहीं हो पाया है।गणेश शंकर विद्यार्थी 98 वर्ष की उम्र में भी लोगों के () लिए सेवा भावना से काम करने को तत्पर रहते थे। कोई भी व्यक्ति उनके दरवाजे पर अगर पहुंचता था तो वे उसके काम के लिए (98-year-old left-wing enlightened leader former MLA Ganesh Shankar Vidyarthi dies) अपने लाठी के बल पर किसी बाबू के ऑफिस में पहुंच जाते थे।उनके साथ गए लोग बाबू के ऑफिस में उनका आदर और सम्मान देखकर गदगद हो जाता था।काम हो या ना हो लेकिन उनको जो सम्मान पूरे बिहार में मिलता था ।इससे सभी लोग संतुष्ट रहते थे।
गणेश शंकर विद्यार्थी का जन्म नवादा जिले के रजौली में वर्ष 1924 में एक बड़े जमींदार परिवार में हुआ था। गणेश शंकर विद्यार्थी वर्ष 1952 से ही राजनीतिक में गए थे।उनका पूरा परिवार कांग्रेसी था। लेकिन यह इकलौता ऐसा थे कि जो कम्युनिस्ट पार्टी के साथ खड़े होकर अंतिम सांस तक चलते रहे। उन्होंने 12 दफा चुनाव लड़ा जिसमें (98-year-old left-wing enlightened leader former MLA Ganesh Shankar Vidyarthi dies) दो बार ही उन्हें जीत मिली थी। जिले के नवादा विधानसभा से 1977 और 1980 में उन्हें जीत मिली थी। बताया जाता है कि गणेश शंकर विद्यार्थी अल्प आयु से ही लोगों के लिए काम करना चाहते थे।