जाले, देशज टाइम्स ब्यूरो। काजी अहमद डिग्री कॉलेज जाले स्थित क्वारंटाईन सेंटर में आवासित एक अधेड़ की संदिग्ध मौत हो गई।
बताया जाता है वह दिल्ली से बस से बीते 24 मई को सीतामढ़ी से यहां अपने गांव आया था। घर आने पर उसे जाले स्थित डिग्री कॉलेज के क्वारंटाइन सेंटर में रहने को भेजा गया।
क्वारंटाईन सेंटर में रह रहे आवासितों का कहना है कि डॉक्टरों की ओर से किसी भी आवासितों की जांच अबतक यहां नहीं की गई है। मृतक को बीती रात करीब एक बजे सांस लेने में तकलीफ होने लगी। इसके अलावे कई ऐसे सिम्टम उसे होने लगे जिसे लिखकर सनसनी फैलाना देशज टाइम्स का कतई इरादा नहीं।
उसी हालत यूं बिगड़ गई कि उसकी दशा देख उस कमरे में रह रहे आवासितों ने डर से उसे छोड़ कमरे से बाहर निकल गए। वहीं, आवासितो ने रेफरल अस्पताल के पीएनटी नंबर पर सूचना देने को डायल किया लेकिन कोई फोन रिसिव ही नही किया।
घटना की जानकारी मिलते ही थानाध्यक्ष दिलीप कुमार पाठक,बीडीओ राजेश कुमार, सीओ अनिल कुमार व प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. गंगेश झा मंगलवार की अहले सुबह मौके पर पहुंचे। वहीं, डॉ. गंगेश झा के समक्ष स्वाथ्य कर्मी टेक्नीशियन मो. अनवर ने लाश से नमूना लेकर जांच को भेज दिया है।
मौके पर पहुंचे मृतक के परिजनों ने मौजूद पदाधिकारियों से सरकार की ओर से निर्धारित अनुग्रह राशि देने की मांग की है। इस संदर्भ में सीओ अनिल कुमार मिश्र ने जिला के उच्चाधिकारी से मोबाइल से वार्ता कर सरकारी प्रावधान के अनुसार मृतक के परिजन को अनुग्रह राशि दिलवाने में हर स्तर से सहयोग देने का आश्वासन दिया।
वहीं,सीओ ने मृतक के परिजनों को सात पीपी. ड्रेस देकर लाश ले जाकर कब्रिस्तान में मिट्टी में गाड़ने की बातों पर एंबुलेंस से झखुरी साह पोखर में भिंडा स्थित कब्रिस्तान में सुपुर्दे खाक कर दिया। मौके पर जाले पश्चिमी की मुखिया उनके पति गुलाब अंसारी, जाले उत्तरी के मुखिया व पति मो. ताज आमिर इकबाल,समेत बड़ी संख्या में कई पार्टी के कार्यकर्ता, सामाजिक कार्यकर्ता समेत अन्य मौके पर मौजूद थे।
जानकारी के अनुसार, मृतक जाले पश्चिमी वार्ड चार का रहने वाला था। चार भाइयों में सबसे बड़ा भाई था। अपने पीछे तीन पुत्र पुत्री समेत भरा पूरा परिवार छोड़ गया है। वह वर्षों से दिल्ली के सदर बाजार स्थित होटल रॉयल में कुक का काम करता था। वह रोटी स्पेशलिस्ट के नाम से जाना जाता था। बीते दो माह से लॉकडाउन के कारण होटल कारोबार पूर्ण ठप होने से वह बेरोजगार हो गया था। लॉकडाउन शिथिल होने पर वह दिल्ली से सीतामढ़ी को जानेवाली बस से घर वापस आया था।