मार्च,29,2024
spot_img

उत्तर प्रदेश में 230 से ज्यादा दलितों ने छोड़ा हिंदू धर्म, बोले- हाथरस कांड ने हिला दिया

spot_img
spot_img

गाजियाबाद, देशज न्यूज। यूपी के गाजियाबाद में 230 से अधिक दलितों ने हिंदू धर्म छोड़कर बौद्ध धर्म अपना लिया। इनमें से बहुत से दलितों ने इसकी वजह यूपी के हाथरस में एक दलित युवती से कथित गैंगरेप और हत्या को वजह बताया है।

कई दलितों ने अपने साथ सामाजिक भेदभाव को धर्म बदने की वजह बताया है. घरेलू सहायिका काम करने वाली सुनीता (45) बताती है कि उन्होंने जब अपने नियोक्ता से एक ग्लास पानी मांगा तो अनिच्छा से स्टील का ग्लास देते हुए कहा गया कि वो आगे से सिर्फ इसी ग्लास का इस्तेमाल करे।

उन्होंने कहा, ये ग्लास रसोई के एक कोने में रखा गया था, जो सिर्फ मेरे इस्तेमाल के लिए था. रसोई में दाखिल होने वाले सभी को पता होता है कि मैं वाल्मीकि हूं। मैंने जिन घरों में काम किया, उनमें ऐसा ही हुआ. सुनीता हिंडन आवासीय क्षेत्र के पास गजियाबाद के करेरा गांव में रहती हैं।

साल 2009 में उनका बड़ा बेटा पवन जब गाजियाबाद स्थित लग्जरी अपार्टमेंट के परिसर में चपरासी की नौकरी के लिए गया तो उनके उपमान वाल्मीकि नियोक्ता के लिए यह कहने के लिए काफी था कि वो सिर्फ सफाई विभाग में काम कर सकता था।

पवन ने बताया, मैंने सफाईकर्मी के नौकरी के लिए आवदेन नहीं किया मगर मैंने ये नौकरी स्वीकार कर ली क्योंकि मुझे पैसे की जरुरत थी. हालांकि मैंने वहां खुद के साथ हुए भेदभाव को पहचान लिया था क्योंकि पीढिय़ों से हम इसका सामना कर रहे हैं।

पवन ने ये सुनिश्चित करने के लिए भविष्य में उनके बच्चों को भेदभाव का सामना ना करना पड़े उन्होंने 14 अक्टूबर को अपने परिवार के सदस्यों और कई अन्य पड़ोसियों के साथ बौद्ध धर्म अपना लिया।

उन्होंने कहा कि करेरा के 236 लोगों ने डॉ. भीमराव आंबेडकर के परपोते राजरतन आंबेडकर की उपस्थिति में बौद्ध धर्म अपना लिया। बौद्ध धर्म अपनाने वालों में इंदर राम (65) भी शामिल हैं जो पूर्वी दिल्ली के शाहदरा स्थित एक यूनिट में मैकेनिक हैं. उन्होंने कहा कि बौद्ध धर्म में कोई जाति नहीं है. वहां कोई ठाकुर, वाल्मीकि नहीं है. हर कोई सिर्फ इंसान है और सभी बौद्ध हैं।

ताज़ा खबरें

Editors Note

लेखक या संपादक की लिखित अनुमति के बिना पूर्ण या आंशिक रचनाओं का पुर्नप्रकाशन वर्जित है। लेखक के विचारों के साथ संपादक का सहमत या असहमत होना आवश्यक नहीं। सर्वाधिकार सुरक्षित। देशज टाइम्स में प्रकाशित रचनाओं में विचार लेखक के अपने हैं। देशज टाइम्स टीम का उनसे सहमत होना अनिवार्य नहीं है। कोई शिकायत, सुझाव या प्रतिक्रिया हो तो कृपया deshajtech2020@gmail.com पर लिखें।

- Advertisement -
- Advertisement -
error: कॉपी नहीं, शेयर करें