मार्च,28,2024
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देश में पहली बार जज पर लगा सरकार गिराने का आरोप,आंध्र के सीएम ने सीजेआई को लिखा पत्र

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यह देश के इतिहास में पहली बार है कि किसी मुख्यमंत्री ने जज के खिलाफ चीफ जस्टिस से शिकायत की हो, जिसमें न्यायिक सिस्टम को प्रभावित करने की बात की गई हो। जगन ने सीजेआई से आंध्र प्रदेश में जूडिशरी की तटस्थता को बरकरार रखने की गुजारिश की है।

अमरावती, देशज न्यूज। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी ने सुप्रीम कोर्ट के जज पर गंभीर आरोप लगाए हैं। रेड्डी ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एस।ए। बोबडे को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि सुप्रीम कोर्ट में नबंर 2 जज एन।वी। रमन्ना, पूर्व सीएम चंद्रबाबू संग मिलकर हमारी सरकार गिराने के प्रयास कर रहे हैं।

 

आंध्र प्रदेश के सीएम जगनमोहन रेड्डी ने सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एनवी रमन्ना पर गंभीर आरोप लगाते हुए सीजेआई जस्टिस बोबडे को पत्र लिखा है। सीएम जगनमोहन ने आरोप लगाया कि जस्टिस रमन्ना की बेटियां जमीन की खरीदफरोख्त में शामिल रहीं और उन्होंने पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू से जुड़े मामलों में सुनवाई प्रभावित की।

 

सीएम ने आरोप लगाया है, जमीन लेनदेन को लेकर राज्य के पूर्व एडवोकेट जनरल दम्मलपति श्रीनिवास पर जो जांच बैठी, उस पर हाईकोर्ट ने स्टे दे दिया, जबकि एंटीकरप्शन ब्यूरो ने उनके खिलाफ एफआईआर तक दायर की थी। बता दें कि 15 सितंबर को ही हाईकोर्ट ने मीडिया को एसीबी की तरफ से पूर्व एडवोकेट जनरल पर दर्ज की गई एफआईआर की डिटेल्स रिपोर्ट करने से रोक दिया था। यह एफआईआर श्रीनिवास पर अमरावती में जमीन खरीद को लेकर दर्ज हुई थी।

 शिकायत में सीएम जगनमोहन ने कहा कि जस्टिस रमन्ना सरकार को अस्थिर करने में नायडू का साथ दे रहे हैं। वह हाई कोर्ट के काम में दखलअंदाजी कर रहे हैं और जजों को प्रभावित कर रहे हैं। रेड्डी के अनुसार रमन्ना ऐसा टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू के हितों के संरक्षण के लिए कर रहे हैं और वे वर्तमान सरकार को गिराना चाहते हैं।

सीजेआई को यह चिट्‌टी 6 अक्टूबर को लिखी थी। इसे हैदराबाद में मीडिया के सामने शनिवार को जगनमोहन के प्रमुख सलाहकार अजेय कल्लम की तरफ से रिलीज किया गया था। इसमें उन मौकों का भी जिक्र किया गया है, जब तेलुगुदेशम पार्टी से जुड़े केसों को कुछ सम्मानीय जजों की सौंपा गया। इसके अलावा इसमें कहा गया कि मई 2019 में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के सत्ता पर बैठने के बाद से जबसे चंद्रबाबू नायडू की सरकार की ओर से जून 2014 से लेकर मई 2019 के बीच की गई सभी तरह की डीलों की जांच के आदेश दिए गए हैं, तब से जस्टिस एनवी रमना राज्य में न्याय प्रशासन को प्रभावित करने में जुटे हैं।

 

 

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