कोरोना वायरस का नया ट्रेंड आ रहा है, उसे चिकित्सकों ने पकड़ लिया है। चिकित्सकों के अनुसार यह वायरस किसी भी व्यक्ति को संक्रमित करने में पांच दिन की ”सुपारी (टोकन पीरियड) ले रहा है। यानी पांच दिन के भीतर जो व्यक्ति एंटीबॉडी है, स्वस्थ है, सक्रिय है, अन्य बीमारियों से अत्यधिक ग्रस्त नहीं है, जिसकी दिनचर्या नियमितता लिए हुए है, जो तनाव से बहुत दूर है….वह उस कोरोना वायरस को अपने अंदर पचा लेता है, जो कमजोर होता है वह इसकी चपेट में आ जाता है। (Supari of the five day corona virus)
उज्जैन, देशज न्यूज। जिले और खासकर उज्जैन शहर में जो ट्रेंड मिला है उसके बाद सीएमएचओ डॉ.महावीर खण्डेलवाल के अनुसार यही कारण है किसी भी फीवर क्लिनिक में आने वाले कोरोना संदिग्ध का सेम्पल लेने के बाद उसे पीटीएस भेजा जा रहा है। ताकि दो से चार दिन तक वह वहां रहे। इस बीच उसकी रिपोर्ट भी आ जाती है और उसमें वायरस के लक्षण है,तो उभरकर सामने आ जाते हैं।(Supari of the five day corona virus)
उन्होने बताया कि कोरोना वायरस का संक्रमण होने के बाद तीन से पांच दिन तक व्यक्ति जब शहरभर में घुमता है,तो उसके सम्पर्क में आए लोग भी संक्रमित हो जाते हैं। चूकि संक्रमण फैला रहा व्यक्ति लक्षण पूरी तरह से नहीं उभरने और जांच रिपोर्ट आने तक बेफिक्र रहता है,अत: वह समाज के लिए घातक साबित हो जाता है।(Supari of the five day corona virus)
इस प्रकार ट्रेंड कर रहा वायरस
कोरोना वायरस का संक्रमण होने पर व्यक्ति को बुखार-सर्दी-खांसी अचानक भी हो सकता है। स्वस्थ व्यक्ति यह समझ नहीं पाता है कि उसे कोरोना के कारण अचानक बुखार,सर्दी,खांसी हो रही है। वह उपचार करने की सोचता है,तब तक एक से दो दिन हो जाते हैं। तीसरे दिन तक वह पीडि़त हो जाता है ओर चौथे दिन तक आता है फीवर क्लिनिक तक अथवा किसी अन्य क्लिनिक पर। पांचवे दिन तो उसमें लक्षण उभर ही जाते हैं। ऐसे में चार दिन तक वह अन्य लोगों को भी संक्रमण दे देता है। वायरस इसीप्रकार घुमने के कारण ही शहर ओर जिले में संक्रमितों की संख्या में तेजी से इजाफा होते जा रहा है।(Supari of the five day corona virus)
क्या करें…आम नागरिक
कोरोना वायरस उपचार के नोडल अधिकारी डॉ.एच पी सोनानिया के अनुसार आम नागरिक निम्र सावधानी रखे-
* मॉस्क पहने और सामाजिक दूरी का पालन करे। भीड़ के बीच जाने से बचें।
* सर्दी,जुकाम,बुखार या खांसी होने पर तुरंत फीवर क्लिनिक पहुंचे। ऐसा नहीं है कि सभी को पीटीएस भेजा जा रहा है। जो संदिग्ध होते हैं या जिनके लक्षण डॉक्टर को समझ में आ जाते हैं,उनका सेम्पल लिया जाता है या उन्हे दो से पांच दिन के टोकन पीरियड के लिए पीटीएस भेजा जाता है, ताकि वे परिवार एवं समाज से आयसोलेट रहे और संक्रमित पाए जाने पर दूसरों को संक्रमण न दे पाए।