चंडीगढ़: पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा है कि सगे चाचा-ताऊ, मामा-बुआ और मौसी के बच्चों के बीच शादी गैरकानूनी होती है. कोर्ट ने यह बात एक युवक की उस याचिका पर कही जो अपनी चचेरी बहन के साथ लिव इन में रह रहा है. लड़की 17 साल की है और दोनों ‘लिव-इन’ रिश्ते में हैं. युवक अपने पिता के भाई की बेटी से शादी करना चाहता है, जो उसकी रिश्ते की बहन है।
अदालत ने गुरुवार को एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता अपने पिता के भाई की बेटी से शादी करना चाहता है, जो उसकी रिश्ते की बहन है और ऐसा करना अपने आप में गैरकानूनी है. न्यायाधीश ने कहा, ”इस याचिका में दलील दी गई है कि जब भी लड़की 18 साल की हो जाएगी तो वे शादी करेंगे, लेकिन तब भी यह गैरकानूनी है।”
मामले में 21 वर्षीय युवक ने 18 अगस्त को लुधियाना जिले के खन्ना शहर-2 थाने में आईपीसी की धाराओं 363 और 366ए के तहत दर्ज मामले में अग्रिम जमानत का अनुरोध करते हुए पंजाब सरकार के खिलाफ हाईकोर्ट का रुख किया।
राज्य सरकार के वकील ने जमानत अर्जी का विरोध करते हुए दलील दी थी कि लड़की नाबालिग है और उसके माता-पिता ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी कि उसके और लड़के के पिता भाई हैं।
युवक के वकील ने जस्टिस अरविंद सिंह सांगवान से कहा कि याचिकाकर्ता ने भी जीवन और स्वतंत्रता के लिए लड़की के साथ आपराधिक रिट याचिका दाखिल की है. इसके अनुसार, लड़की 17 साल की है और याचिकाकर्ता ने याचिका में दलील दी थी कि दोनों ‘लिव-इन’ रिश्ते में हैं. लड़की ने अपने माता-पिता द्वारा दोनों को परेशान किए जाने की आशंका जताई थी।