अप्रैल,24,2024
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#AyodhyaRamTemple-तांबे की पत्तियों से जोड़े जाएंगे अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के पत्थर

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-तीन साल में पूरा होगा निर्माण कार्य, सीबीआरआई-आईआईटी मद्रास की मदद से हो रही मिट्टी की जांच

लखनऊ,देशज न्यूज। अयोध्या में भव्य राम मन्दिर निर्माण के लिए विगत पांच अगस्त को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों भूमि पूजन कार्यक्रम सम्पन्न होने के बाद अब मन्दिर निर्माण का काम धीरे-धीरे गति पकड़ने लगा है।

मन्दिर निर्माण में लगने वाले पत्थरों को जोड़ने के लिए तांबे की पत्तियों का उपयोग किया जाएगा। इसलिए श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने श्रीरामभक्तों से तांबे की पत्तियां दान करने का आह्वान किया है। मंदिर के निर्माण कार्य पूरा होने में कम से कम तीन वर्ष लगेंगे। इसके बाद ही रामलला अपने भव्य राजमहल रूपी मन्दिर में विराजमान होंगे।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र की ओर से  गुरुवार को बताया गया कि श्री राम जन्मभूमि मन्दिर के निर्माण के लिए कार्य प्रारंभ हो गया है। केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) रुड़की और आईआईटी मद्रास के साथ मिलकर निर्माणकर्ता कम्पनी लार्सन एंड टूब्रो (एलएण्डटी) के अभियंता भूमि की मृदा के परीक्षण के कार्य में लगे हुए हैं। (Ayodhya Ram temple: stones will be added with copper leaves)
दो स्थानों से 60 मीटर तथा पांच स्थानों से 40 मीटर की गहराई से मिट्टी के नमूने भेजे गए हैं। कुछ जगहों पर 20 मीटर की गहराई से मिट्टी के नमूने भेजे गए हैं। मन्दिर निर्माण के कार्य में लगभग 36-40 महीने का समय लगने का अनुमान है।
श्री रामजन्मभूमि मन्दिर का निर्माण भारत की प्राचीन निर्माण पद्धति से किया जा रहा है ताकि वह सहस्त्रों वर्षों तक न केवल खड़ा रहे, बल्कि भूकम्प, झंझावात अथवा अन्य किसी प्रकार की आपदा में भी उसे किसी प्रकार की क्षति न हो। मन्दिर के निर्माण में लोहे का प्रयोग नहीं किया जाएगा।(Ayodhya Ram temple: stones will be added with copper leaves)
मन्दिर निर्माण में लगने वाले पत्थरों को जोड़ने के लिए तांबे की पत्तियों का उपयोग किया जाएगा। निर्माण कार्य के लिए 18 इंच लम्बी, 3 एमएम गहरी और 30 एमएम चौड़ी 10,000 पत्तियों की आवश्यकता पड़ेगी। इसके मद्देनजर श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने श्रीरामभक्तों से तांबे की पत्तियां दान करने का आह्वान किया है।(Ayodhya Ram temple: stones will be added with copper leaves)
इन तांबे की पत्तियों पर दानकर्ता अपने परिवार, क्षेत्र अथवा मंदिरों का नाम गुदवा सकते हैं। इस प्रकार से ये तांबे की पत्तियां न केवल देश की एकात्मता का अभूतपूर्व उदाहरण बनेंगी, अपितु मन्दिर निर्माण में सम्पूर्ण राष्ट्र के योगदान का प्रमाण भी देंगी।(Ayodhya Ram temple: stones will be added with copper leaves)
करीब तीन एकड़ जमीन पर मन्दिर का निर्माण होगा और लगभग 1200 खम्भे होंगे। अब आगे के सभी काम विशेषज्ञों से जुड़े हैं। इसलिए इन कार्यों में जन्दबाजी नहीं हो सकती है। (Ayodhya Ram temple: stones will be added with copper leaves)
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