अप्रैल,16,2024
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Atherosclerosis is a danger for heart, do not ignore disease दिल के लिए खतरे की घंटी है एथेरोस्क्लेरोसिस, मर्ज को न करें नजरअंदाज…

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देशज स्वास्थ्य डेस्क। शरीर ठीक तरह से काम करता रहे, इसके लिए दिल का सही तरीके से धड़कना जरूरी है। एथेरोस्क्लेरोसिस इसी में रुकावट डालता है और इसके कारण हार्ट अटैक व पेरिफेरल वैस्कुलर डिजीज जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। हृदय रोग विशेषज्ञों के मुताबिक एथेरोस्क्लेरोसिस को लेकर लापरवाही मरीज की मौत का सबब भी बन सकती है। वहीं आदतों में सुधार कर खतरे से बचा जा सकता है।

हृदयाघात, मस्तिष्क आघात या फिर मौत का भी कारण बन सकता है एथेरोस्क्लेरोसिस

एथेरोस्क्लेरोसिस में शरीर की धमनियों के अंदर ‘प्लाक’ जमने लगता है। धमनियां ऑक्सीजन युक्त रक्त को हृदय और शरीर के अन्य हिस्सों में ले जाती हैं। वसा, कोलेस्ट्रॉल, कैल्शियम और रक्त में पाए जाने वाले अन्य पदार्थों से प्लाक का निर्माण होता है। समय के साथ प्लाक धमनियों को कठोर और संकीर्ण बना देता है तथा यह शरीर में ऑक्सीजन युक्त रक्त के प्रवाह को बाधित करता है। एथेरोस्क्लेरोसिस से हृदयाघात, मस्तिष्क आघात या फिर मौत भी हो सकती है।

हार्ट डिजीज की शुरुआत है एथेरोस्क्लेरोसिस

लखनऊ के डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान (आरएमएलआईएमएस) में हृदय रोग विभागाध्यक्ष प्रो. भुवन चंद्र तिवारी के मुताबिक एथेरोस्क्लेरोसिस हार्ट डिजीज की शुरुआत है। इसका पहला चरण है। धमनियों में कोलेस्ट्रॉल जमा होने की शुरुआत एथेरोस्क्लेरोसिस का प्रोसेस है। सरल भाषा में कहा जाए तो एथेरोस्क्लेरोसिस में शरीर में मौजूद धमनियों के अंदर रुकावट पैदा होने लगती है। धमनियां दिल के साथ शरीर के अन्य अंगों तक ऑक्सीजन युक्त खून Atherosclerosis is a danger for heart, do not ignore disease पहुंचाती हैं। वहीं इनमें जो रुकावट वसा, कोलेस्ट्रॉल, कैल्शियम और खून में मौजूद अन्य तत्वों के जमाव से होती है। समय के साथ-साथ यह जमाव धमनियों के अंदर का रास्ता संकरा कर देता है। इसकी वजह से ऑक्सीजन युक्त रक्त का शरीर के विभिन्न अंगों तक बहाव धीमा पड़ जाता है।

ब्‍लॉकेज होने तक नहीं देते दिखाई अधिकांश लक्षण

प्रो. तिवारी कहते हैं कि ब्‍लॉकेज होने तक एथेरोस्क्लेरोसिस के अधिकतर लक्षण दिखाई नहीं देते है। वहीं सामान्य तौर पर इसके लक्षणों में सीने में दर्द, टांग और बांह में दर्द और शरीर के किसी भी हिस्‍से में दर्द जहां की धमनी ब्‍लॉक हो चुकी हो। सांस लेने में दिक्‍कत, थकान, ब्‍लॉकेज के मस्तिष्‍क में रक्‍त प्रवाह को प्रभावित करने पर उलझन Atherosclerosis is a danger for heart, do not ignore disease होना, रक्‍त प्रवाह की कमी के कारण पैर की मांसपेशियों में कमजोरी आना शामिल है।

युवाओं में तेजी से बढ़ रही समस्या

प्रो. तिवारी ने बताया कि ह्रदय रोगों से सम्बन्धित समस्याओं की बात करें तो कम उम्र के लोगों में बीमारी देखने को मिल रही है। पहले ये बीमारी 50 या 60 साल में होती थी। वहीं अब 30 साल के युवाओं और उससे कम उम्र के लोगों में भी हृदयाघात हो रहा है। मोटापा, धूम्रपान जैसे कारण युवाओं में हृदयाघात की बड़ी वजह हैं।

महिलाएं दिल के दर्द को न करें नजरअंदाज, खतरे में पड़ सकती है जान

आमतौर पर पुरुषों में हार्ट अटैक के मामले ज्यादा देखने को मिलते हैं। लेकिन, ऐसा नहीं है कि महिलाएं सुरक्षित हैं। प्रो. तिवारी कहते हैं कि महिलाओं में भी यह बीमारी बढ़ रही है। सबसे अहम बात है कि महिलाओं में यह बीमारी होने पर समय पर इलाज नहीं हो पाता है। आम तौर पर देखा जाए तो पुरुष को दिक्कत होने पर उसके कार्यालय के सहकर्मी, मित्र आदि उसे तुरन्त अस्पताल लेकर जाते हैं और समय पर बीमारी पकड़ में आ जाती हैं। वहीं महिलाओं की बात करें तो अभी भी अधिकांश घर संभालती हैं। बच्चों, बुजुर्गों की जिम्मेदारी में उनका पूरा दिन गुजरता है।

ऐसे में उन्हे दिल का दौरा पड़ने पर शुरुआत में वह बर्दाश्त करती रहती हैं। वह इसे सामान्य दर्द समझते हुए इसलिए गम्भीरता से नहीं लेती कि शायद कुछ देर बाद ठीक हो जाए। जब देर शाम या Atherosclerosis is a danger for heart, do not ignore disease रात में परिवार के पुरुष सदस्य घर पहुंचते हैं, तब तक महिला का दर्द कम हो चुका होता है। ऐसे में वह अगले दिन डॉक्टर का पास जाते हैं। इस तरह महिलाएं 12 से 14 घंटे देर में अस्पताल पहुंचती हैं। काफी देर से अस्पताल लाने और कई बार उचित इलाज समय पर नहीं मिलने की वजह से महिलाओं की स्थिति गम्भीर हो जाती है। कई बार ये देरी जान जाने की भी वजह बनती है। हमारे देश में महिलाओं में आज भी अपनी बीमारी छिपाने या उसे लेकर गम्भीर न होने की आदत है, जो उनकी सेहत को ज्यादा नुकसान पहुंचने की वजह भी है।

शरीर में धीरे-धीरे पनपता है एथेरोस्क्लेरोसिस रोग

हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ.एके श्रीवास्तव के मुताबिक एथेरोस्क्लेरोसिस की समस्या अचानक जन्म नहीं लेती, यह शरीर में धीरे-धीरे पनपती है। जब तक धमनियों की रुकावट अंगों तक रक्त के बहाव को धीमा न करने लगे, तब तक एथेरोस्क्लेरोसिस सामान्य तौर पर नजर नहीं आती। कई बार थक्के पूरी तरह तरह से रक्त के बहाव को रोक देते हैं, जिसके वजह से दिल का दौरा पड़ता है। लोगों को हार्ट अटैक और स्‍ट्रोक के लक्षणों को समझना जरूरी है। ये दोनों ही एथेरोस्क्लेरोसिस के कारण होते हैं और इनमें तुरंत मेडिकल सहायता की जरूरत होती है।

हार्ट अटैक के लक्षणों में सीने में दर्द, कंधे, कमर, गर्दन, हाथ में दर्द, पेट में दर्द, सांस लेने में दिक्‍कत, सिर चकराना, उल्‍टी आदि की समस्या होती है। वहीं स्‍ट्रोक के लक्षणों में चेहरे या हाथ-पैरों में Atherosclerosis is a danger for heart, do not ignore disease कमजोरी या सुन्‍नता, बोलने में दिक्‍कत होना, देखने में परेशानी होना, बेसुध होना और अचानक तेज सिरदर्द होना है। उम्र के साथ एथेरोस्क्लेरोसिस होने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में अगर ध्यान नहीं दिया जाए तो कई बार स्थिति बेहद गम्भीर हो जाती है।

शरीर में इस तरह खतरे का कारण बनता है एथेरोस्क्लेरोसिस

चिकित्सकों के मुताबिक एथेरोस्क्लेरोसिस से कई प्रकार की जटिलताएं पैदा हो सकती हैं। इनमें जब एथेरोस्क्लेरोसिस ह्रदय के निकट स्थित धमनियों को संकुचित कर देता है तो कोरोनरी धमनी रोग विकसित हो जाता है। यह एंजाइना, दिल का दौरा या हार्ट फेल का कारण बनता है। इसी तरह कैरोटिड धमनी रोग में जब एथेरोस्क्लेरोसिस मस्तिष्क के समीप स्थित धमनियों को संकीर्ण बनाता है, तो व्यक्ति कैरोटिड धमनी रोग से ग्रसित हो सकता है। यह एक ट्रांसिएंट इस्कीमिक अटैक या स्ट्रोक पैदा कर सकता है।

इसी तरह अन्य जटिलताओं में परिधीय धमनी रोग में जब एथेरोस्क्लेरोसिस बांह या पैरों में स्थित धमनियों को संकुचित करता है तो वहां परिसंचरण समस्याएं हो सकती हैं। वहीं एथेरोस्क्लेरोसिस ऐन्यरिजम या धमनीविस्फार का कारण भी बन सकता है। यह एक गंभीर जटिलता है जो शरीर में कहीं भी हो सकती है। धमनीविस्फार धमनी की सतह में उभार होता है। धमनीविस्फार से ग्रसित अधिकांश लोगों में कोई लक्षण मौजूद नहीं होते। वहीं एथेरोस्क्लेरोसिस गुर्दे की ओर बढ़ने वाली धमनियों को भी संकीर्ण बना सकता है व ऑक्सीजन युक्त रक्त को गुर्दे तक पहुंचने से रोक सकता है। समय के साथ यह गुर्दे की कार्यप्रणाली को प्रभावित कर सकता है।

गंभीर लक्षणों के लिए सर्जरी की जरूरत

एथेरोस्क्लेरोसिस का असर कम या समाप्त करने के लिए चिकित्सक पहले दवाओं से प्रयास करते हैं। गंभीर लक्षणों में सर्जरी की जाती है। इनमें एंजियोप्लास्टी और स्टेंट प्लेसमेंट में धमनी में स्टेंट डाल दिया जाता है। एंडरटेरेक्टमी में वसा युक्त जमाव को सर्जरी से संकीर्ण धमनी की सतह से हटाया जाता है। फाइब्रिनॉलिटिक थेरेपी में धमनी से थक्के को बाहर निकाला जाता है। इसी तरह जरूरत पड़ने पर बाईपास सर्जरी का भी विकल्प इस्तेमाल किया जाता है।

रिस्क फैक्टर पहचान कर दूर करने की जरूरत

-डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल की समस्या की अनदेखी न करें।
-धूम्रपान हर स्थिति में खतरे का कारण है।
-वसायुक्त भोजन से परहेज करें।
-शरीर का वजन नियंत्रित रखें। मोटापा हावी न होने दें।
-व्यायाम से दूरी बीमारी को आमंत्रित करती है। इसलिए इसे प्रतिदिन सैर करें, पैदल चलें।
-तनाव से दूरी बनाकर पर्याप्त नींद लें।

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