मनोरंजन ठाकुर, देशज टाइम्स ब्यूरो।
वो कुली थे। सागर थे। वही लैला के मंजनू थे। उनकी अदा चांदनी थी। प्यार के वह बॉबी थे।
वो अमर के अकबर थे। नसीब बंजारन निकला। मुल्क में दामिनी को बचाने वह प्रेम रोगी भी बने। नगीना बनकर उन्होंने कपूर एंड संस के रूप में खुद को मेरा नाम जोकर बताया। वही तो थे कपूर खानदान के चिंटू।
रोमांस के सरताज, अभिनय के पावरहाउस…सदाबहार फिल्म अभिनेता…एक कुली बनकर देश की सेवा करने वाले, कभी भी देश को कर्ज में नहीं देखने की ख्वाहिश, 67 साल के 102 नॉटआउट ऋृषि कपूर हमारे बीच नहीं रहे।
देशज टाइम्स की भावपूर्ण श्रद्धाजंलि…उस चुलबुले अदाकार के नाम जो सदैव सुनहरे पर्दे को सूना कर अब रणबीर की शक्ल में नीतू स्वर में चहकते रहेंगे।
असंख्य लोगों के दिलों में…अजूबा बनकर याराना बने ये वादा रहा…इना-मीणा-डिगा वाले यह शख्स यही गुनगुनाता चला गया….मैं शायर तो नहीं…मगर ए हसीं….खुल्लम-खुल्ला प्यार करेंगे हम दोनों…खेल-खेल में यही कहेंगे…शिंडी वाले साईं बाबा आया है तेरे दर पे…
यही चाहत, तेरे चेहरे से नजर नहीं हटती…क्योंकि, एक मैं और एक तू…। दोनों मिले इसतरह…।…और जो आज चिंटू के जाने से तन-मन में हो रहा है… ये प्यार का जवाब कतई प्यार से नहीं हो रहा…वक्त भी मेहरबान नहीं है।
कोरोना के कारण, हम-तुम एक कमरे में बंद हैं और लॉकडाउन में हमारा चॉबी खो गया है…। कुछ भी हो, ए…सनम हम तो सिर्फ तुम से प्यार करते हैं। क्योंकि,
आज कल याद कुछ और रहता नहीं एक बस आपकी याद आने के बाद, याद आने से पहले चले आइए और फिर जाइए जान जाने के बाद…इश्क़ के मैंने कितने फ़साने सुने, हुस्न के कितने किस्से पुराने सुने, ऐसा लड़ता है फिर इस तरह टूट कर, प्यार हमने किया एक ज़माने के बाद..क्या करूं चिंटू…।
आपको भूल जाने की कोशिश भी की और तड़पा हूं मैं भूल जाने के बाद…। आपने ही तो सिने पर्दे पर कहा था, हर इश्क का एक वक्त होता है, वो हमारा वक्त नहीं था, पर इसका ये मतलब नहीं कि वो इश्क नहीं था, फिर आपने कहा, हम आज जो फैसला करते है, वही हमारे कल का फैसला करेगा…
मैं, पूरा देश आज फना है। यकीन मानिए, जब तक है जान…डफली वाले की डफली जेहन में…पर्दा है पर्दा…पर्दे के पीछे…मुझे पता है आपको लुका-छिपी पसंद नहीं…कारण, एक हसीना थी, एक दीवाना था…।
आप नायक थे, फैंशन के मल्टीलाइजिंग..हंसिनों की तरफ गुलाब फेंकने वाले….क्योंकि, प्यार में कभी-कभी ऐसा हो जाता है…होगा तुमसे प्यारा कौन …मौजूदा युवा वर्ग के लिए एक खासा संदेश…मेरे उमर के नौजवानों,दिल नालगाना ओ दीवानों..मैंने प्यार करके चैन खोया…नींद खोई… नहीं रहे ऋृषि…भावपूर्ण श्रद्धाजंलि…ऊं शांति ओम्…शांति-शांति ओम्।