अप्रैल,23,2024
spot_img

Twitter Raw-EIT Ministry सरकार के साथ बैठक में ट्विटर ने कहा-होगा कानूनों और नियमों का पालन

spot_img
spot_img
spot_img

नई दिल्ली। फेक न्यूज और सनसनीखेज सामग्री प्रसारित करने को लेकर विवाद में जुड़े सोशल मीडिया प्लेटफार्म ट्विटर ने भारत सरकार को बताया है कि वह देश के कानूनों और नियमों का पालन करेगा। ट्विटर अधिकारियों ने यह भी कहा कि वह भारत में अपनी सेवाओं को कायम रखने की दिशा में काम करते रहेंगे। ट्विटर ने भारत सरकार के साथ बेहतर तालमेल रखने के लिए सरकार से आग्रह भी किया।

केन्द्रीय इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव अजय साहनी ने ट्विटर के अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए बैठक की। सचिव ने ट्विटर पर ‘फार्मरजेनोसाइड (किसानों का नरंसहार) जैसे आपत्तिजनक हैशटैग चलाए जाने का मुद्दा उठाया। सरकार ने ट्विटर से इस हैशटेग को हटाने के निर्देश पर ट्विटर के रवैए को लेकर सख्त नाराजगी व्यक्त की।

सरकार की ओर से कहा गया कि आपत्तिजनक और आधारहीन हैशटैग के जरिए गलत सूचनाओं का प्रसारण हालात को बिगाड़ता है तथा आग में घी डालने का काम करता है। यह न तो पत्रकारिता संबंधित स्वतंत्रता है न ही संविधान के अनुच्छेद 19 के अंतर्गत हासिल की गई अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता। सरकार ने इस संबंध में हैशटैग ‘फार्मर जेनोसाइड’ का मुख्य रूप से उल्लेख किया।

सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार ट्विटर के अनुरोध पर इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव ने ट्विटर के ग्लोबल पब्लिक पॉलिसी उपाध्यक्ष मोनिक मेहे और कानूनी मामलों के उप-महाप्रबंधक और उपाध्यक्ष जिम बेकर के साथ एक आभासी बातचीत की।

ट्विटर ने इससे पहले आज सुबह सरकारी आदेशों को न मानने के मुद्दे पर सफाई दी थी और कहा था कि वह सरकार के साथ संपर्क-संवाद बनाते हुए भारतीय कानून के तहत विकल्प तलाश रहा है। ट्विटर की इस सफाई को सरकार ने ‘असामान्य’ बताते हुए कहा था कि जल्द ही इसपर प्रतिक्रिया दी जाएगी।

अपनी सफाई में ट्विटर ने एक ब्लॉग पोस्ट में सरकार के कानूनी अनुरोधों के जवाब में की गई कार्रवाइयों की जानकारी दी थी। साथ ही बताया था कि उसकी ओर से बुधवार तक उठाए गए कदमों की जानकारी सरकार को दी गई है। पोस्ट में कहा गया था कि ट्विटर भारत सरकार के साथ सम्मानजनक ढंग से संपर्क-संवाद बनाए हुए है।

ब्लॉग पोस्ट में कहा गया कि इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने पिछले 10 दिनों के दौरान ट्विटर को सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69 ए के तहत अलग-अलग रोक लगाने संबंधित आदेश दिए हैं। इनमें से दो त्वरित रोक संबंधित आदेश थे जिनका अस्थायी रूप से पालन भी किया गया था। हालांकि बाद में रोक को हटा लिया गया। ऐसा इसलिए किया गया कि ट्वीटर उन्हें भारतीय कानूनों के तहत सही मानता है। मंत्रालय को इसकी सूचना दिए जाने के बाद सरकार ने गैर-अनुपालन नोटिस भेजा है।

ट्विटर ने कहा कि सरकार के कहे अऩुसार काफी कुछ प्रयास किए गए हैं। इनमें हानिकारक सामग्री वाले हैशटैग की दृश्यता को कम करना और उसे ट्रेंड बनने और सर्च में दिखाई देने से रोकना शामिल है। इसके अलावा 500 ट्विटर खातों पर कार्रवाई करते हुए उन्हें स्थाई तौर पर हटाया गया है। आज ही कुछ खातों को भारत के लिए ब्लॉक कर दिया गया है यानी वह भारत के बाहर ही देखे जा सकेंगे। वहीं दूसरी ओर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बनाए रखने के लिए कुछ समाचार मीडिया संस्थाओं, पत्रकारों, कार्यकर्ता और नेताओं के खातों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

ताज़ा खबरें

Editors Note

लेखक या संपादक की लिखित अनुमति के बिना पूर्ण या आंशिक रचनाओं का पुर्नप्रकाशन वर्जित है। लेखक के विचारों के साथ संपादक का सहमत या असहमत होना आवश्यक नहीं। सर्वाधिकार सुरक्षित। देशज टाइम्स में प्रकाशित रचनाओं में विचार लेखक के अपने हैं। देशज टाइम्स टीम का उनसे सहमत होना अनिवार्य नहीं है। कोई शिकायत, सुझाव या प्रतिक्रिया हो तो कृपया deshajtech2020@gmail.com पर लिखें।

- Advertisement -
- Advertisement -
error: कॉपी नहीं, शेयर करें