अप्रैल,17,2024
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किसानों की 26 Jan की ट्रैक्टर रैली पर दखल नहीं देगा सुप्रीम कोर्ट, कहा- यह पुलिस का काम

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नई दिल्ली, । सुप्रीम कोर्ट ने 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली पर रोक लगाने की मांग वाली दिल्ली पुलिस की अर्जी पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया। चीफ जस्टिस (SC refuses to give any order on tractor rally on 26 Jan) एसए बोब्डे की अध्यक्षता वाली बेंच ने बुधवार को कहा कि रैली की इजाजत दी जाए या नहीं यह तय करने का काम पुलिस का है।
कोर्ट ने कृषि कानूनों पर विचार करने के लिए बनाई गई कमेटी के एक सदस्य भूपिंदर सिंह मान के हटने के बाद किसी नए व्यक्ति को सदस्य बनाने के लिए किसान संगठनों को नोटिस जारी (SC refuses to give any order on tractor rally on 26 Jan) किया है।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलीलों की शुरुआत करते हुए कहा कि मामले की सुनवाई 25 जनवरी को करें। तब चीफ जस्टिस ने मेहता से कहा कि हम पहले ही कह चुके हैं ये मामला पुलिस का है। हम इस मामले में कोई आदेश नही देंगे,अथॉरिटी के तौर पर आप आदेश जारी करें। तुषार मेहता ने कहा कि आप अर्जी को लंबित रखें। तब चीफ जस्टिस ने (SC refuses to give any order on tractor rally on 26 Jan) कहा कि नहीं, आप अपनी अर्जी को वापस लें। एक किसान यूनियन ने कोर्ट में बहस कर कमेटी के सदस्यों के बारे में पक्ष रहना चाहा। तब चीफ जस्टिस ने कहा कि दवे के मुव्वकिल ने कमेटी के बनने से पहले ही कमेटी के सामने न जाने का फैसला किया था। आप कौन हैं।
प्रशांत भूषण ने कहा कि दवे और वो आठ किसान यूनियनों की तरफ से पेश हो रहे हैं। दवे ने कहा कि किसान महापंचायत प्रदर्शनकारी यूनियन में से नहीं है। चीफ जस्टिस ने दवे से पूछा कि पिछली सुनवाई में आपने कहा था कि आप आदेश जारी न करें हम पूछ कर बताएंगे। दवे ने कहा कि हम अगले दिन पेश नहीं हुए थे जिस दिन आदेश पारित हुए थे। चीफ जस्टिस ने कहा कि ये सही नहीं है।
चीफ जस्टिस ने कहा कि आपको पेश होना चहिए। अगर कोई मामला आदेश के लिए लिस्टेड है तो पार्टी पेश नहीं होगी। प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि किसान संगठन जिनकी तरफ से हम पेश हो रहे हैं वो कमेटी के समक्ष पेश नहीं होंगे।
किसान महापंचायत की तरफ से भूपिंदर सिंह मान के कमेटी से हटने के बारे में बताया गया और कमेटी पर सवाल उठाया गया। तब चीफ जस्टिस ने कहा कि अगर व्यक्ति किसी मामले में अपनी एक राय रखता है तो इसका मतलब क्या। कभी-कभी जज भी राय रखते हैं लेकिन सुनवाई के दौरान वो अपनी राय बदलकर फैसला देते हैं। कमेटी के (SC refuses to give any order on tractor rally on 26 Jan) पास कोई अधिकार नहीं है। तो आप कमेटी पर पूर्वाग्रह का आरोप नहीं लगा सकते।
चीफ जस्टिस ने कहा कि अगर आप कमेटी के समक्ष पेश नहीं होना चाहते हैं तो हम आपको बाध्य नहीं करेंगे। लेकिन इस तरह किसी की छवि को खराब करना सही नहीं है। चीफ जस्टिस ने कहा कि पब्लिक ओपिनियन को लेकर अगर आप किसी की छवि को खराब करेंगे तो कोर्ट सहन नहीं करेगा।
कमेटी के सदस्यों को लेकर इस तरफ चर्चा की जा रही है। हम केवल मामले की संवैधानिकता तय करेंगे। उन्होंने कहा कि आपकी अर्जी में है कि कमेटी के सारे सदस्यों को बदला जाए। तब संगठन ने कहा कि न्यूजपेपर की रिपोर्ट पर कहा है। चीफ जस्टिस ने कहा कि क्या वहां लिखा हुआ है कि वो इस विषय के बारे में नहीं जानते।
सुनवाई के दौरान अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कहा कि आप अपने आदेश में ये साफ कीजिये कि ये कमेटी कोर्ट ने अपने लिए बनाई है। अगर कमेटी के समक्ष कोई पेश भी नहीं होता तो भी कमेटी अपनी रिपोर्ट कोर्ट में देगी। चीफ जस्टिस ने कहा कि कमेटी के उद्देश्य सभी पक्षों को सुनना था। कमेटी कोई फैसला नहीं ले सकती।
कमेटी अपनी (SC refuses to give any order on tractor rally on 26 Jan) रिपोर्ट कोर्ट में देगी। चीफ जस्टिस ने कहा कि एक सदस्य मान ने इस्तीफा दे दिया है। एक जगह खाली है। एक अर्जी दाखिल हुई है जिसमें खाली जगह को भरने की मांग की गई है। इसको लेकर हम नोटिस जारी करते हैं। पिछली 18 जनवरी को भी सुप्रीम कोर्ट ने 26 जनवरी को किसानों के ट्रैक्टर रैली पर कोई भी दखल देने से इनकार कर दिया था।
दिल्ली पुलिस की ओर से ट्रैक्टर रैली पर रोक लगाने की मांग वाली केंद्र सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा था कि दिल्ली में कौन आएगा और कौन नहीं, ये पुलिस तय करेगी। हम पहली अथॉरिटी नहीं है। केंद्र सरकार ने अपनी याचिका में कहा है कि देश को पूरी दुनिया में अपमानित करना विरोध करने के अधिकार में शामिल नहीं किया जा सकता है। केंद्र सरकार ने किसी भी प्रकार के मार्च को प्रतिबंधित करने की मांग की है।
उल्लेखनीय है कि पिछली 12 जनवरी को कोर्ट ने तीनों कृषि कानूनों के अमल पर अगले आदेश तक रोक लगा दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि फिलहाल न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था बनी रहेगी। जमीन (SC refuses to give any order on tractor rally on 26 Jan) की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। सुप्रीम कोर्ट ने जो कमेटी बनाई थी उसमें साउथ एशिया इंटरनेशनल फूट पॉलिसी के डायरेक्टर प्रमोद कुमार जोशी, शेतकारी संगठन के अनिल घनवटे, भारतीय किसान युनियन के भूपिंदर सिंह मान और कृषि विशेषज्ञ अशोक गुलाटी शामिल हैं। इस कमेटी से भूपिंदर सिंह मान ने अपने को अलग कर लिया है।

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