अप्रैल,20,2024
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देश का सबसे बड़ा कोविड अस्पताल ‘जिंदा’ रखेगा गलवान के शहीदों को

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– 20 फुटबॉल फील्‍ड के बराबर है यह कोविड अस्‍पताल, 10 हजार मरीजों की क्षमता
– आईसीयू और वेंटिलेटर वार्ड को दिया गया कर्नल संतोष बाबू का नाम
नई दिल्ली, देशज न्यूज। गलवान घाटी में शहीद हुए 20 भारतीय सैनिकों के नाम पर देश के सबसे बड़े दिल्‍ली स्थित सरदार वल्‍लभभाई पटेल कोविड अस्‍पताल Sardar Vallabhbhai Patel Kovid Hospital के विभिन्‍न वॉर्डों के नाम रखे गए हैं। इस अस्पताल के आईसीयू वार्ड का नाम गलवान में शहीद भारत के आर्मी ऑफिसर कर्नल संतोष बाबू के नाम पर रखा गया है।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने शहीदों को सम्‍मान देने के लिए यह फैसला लिया है। डीआरडीओ चेयरमैन के तकनीकी सलाहकार संजीव जोशी ने कहा कि शहीदों को सम्मान देने के लिए सरदार वल्लभभाई पटेल कोविड-19 अस्पताल के अलग-अलग वार्डों के नाम रखने का फैसला लिया गया है। डीआरडीओ ने यह फैसला प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की शुक्रवार को लद्दाख यात्रा के बाद लिया है। अचानक लद्दाख पहुंचे प्रधानमंत्री ने यहां लेह में सेना के जवानों से मुलाकात की और उनका हौसला बढ़ाया।
दिल्ली में स्थित देश का यह सबसे बड़ा कोविड-19 केयर सेंटर Sardar Vallabhbhai Patel Kovid Hospital दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर छतरपुर में राधा स्वामी सत्संग परिसर में तैयार किया गया है। यह कोविड अस्‍पताल 20 फुटबॉल फील्‍ड के बराबर है। इसमें इंडो-तिब्‍बत बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी) और सीएपीएफ के तीन हजार डॉक्‍टरों और नर्सों की सेवाएं ली गई हैं। इस अस्पताल में एक ही बार में 10 हजार कोरोना के मरीजों के इलाज की व्यवस्था है। अब यह अस्पताल बनकर तैयार है और रविवार को गृहमंत्री अमित शाह और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह इसका उद्घाटन कर सकते हैं। इस अस्पताल के विशेष आईसीयू और वेंटिलेटर वार्ड को कर्नल संतोष बाबू के नाम से जाना जाएगा।
गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में सेना के 20 जवान शहीद और 76 जवान घायल हुए थे। लेह के अस्पताल में भर्ती घायल जवानों से शुक्रवार को प्रधानमंत्री मोदी ने मुलाकात की और उनका हौसला बढ़ाया। पीएम मोदी ने जवानों से कहा कि आप 130 करोड़ देशवासियों के लिए प्रेरणा हैं।

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