मार्च,29,2024
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भूमिका का ​गेमचेंजर : फ्रांस से ​​पहली खेप में छह राफेल 27 जुलाई तक मिलेंगे भारत को

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नई दिल्ली, देशज न्यूज।​ ​​​​अत्याधुनिक राफेल फाइटर जेट्स ​की पहली खेप में 6 विमान 27 जुलाई तक भारत पहुंच जाएंगे​। India will get 6 Rafaels in the first batch from France ​ वायुसेना में ​राफेल के शामिल हो​ने से ​​दक्षिण एशिया में ​भारत की भूमिका ​’गेमचेंजर’ ​की हो सकती है क्योंकि ​यह लड़ाकू विमान 4.5 जेनरेशन मीडियम मल्टीरोल एयरक्राफ्ट है​​​​​​।​ ​​
इस समय पूर्वी लद्दाख की सीमा पर चीन के साथ चल रहे तनाव की वजह से वायुसेना अपने लड़ाकू विमानों के साथ किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए मात्र आठ मिनट में तैयार रहने के​ अलर्ट पर है​​।​ ​पहली खेप में India will get 6 Rafaels in the first batch from France 6 राफेल ​​विमान आने से भारत की ताकत और बढ़ जाएगी​​​।​ ​सीमा पार ​चीन ने भी अपने ​कई ​एयरबेस पर ​​कई तरह के लड़ाकू विमान ​तैनात कर रखे हैं​।​
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पहले इन लड़ाकू विमानों की डिलीवरी मई आखिर में होने वाली थी लेकिन कोरोना की वजह से भारत और फ्रांस में पैदा हालात के कारण इसे दो महीने के लिए स्थगित कर दिया गया​ था​। ​रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ​2 जून को फ्रांस की रक्षा मंत्री सुश्री फ्लोरेंस पैली ​से टेलीफोन पर बात की। उन्होंने लड़ाकू विमान राफेल India will get 6 Rafaels in the first batch from France की आपूर्ति और भारत-चीन की लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर भी चर्चा ​की​। ​
इस पर ​फ्रांस ने कोविड-19 महामारी से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद ​पहली खेप में चार ​राफेल विमान की​ आपूर्ति ​जुलाई के अंत तक ​करने का भरोसा दिया।​ ​अब जानकारी मिल रही है कि ​अत्याधुनिक राफेल फाइटर जेट्स ​की पहली खेप में 4 के बजाय 6 विमान 27 जुलाई तक भारत पहुंच जायेंगे​।​  ये लड़ाकू विमान आरबी सीरीज के होंगे। ​इन विमानों को वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया के सम्मान में उड़ाया जाएगा जिन्होंने 36 राफेल विमान के सौदे में अहम भूमिका निभाई ​है​​​​। ​
​लड़ाकू विमान राफेल India will get 6 Rafaels in the first batch from France के पहले दस्ते को अंबाला ​एयरबेस में तैनात किया जाएगा, जिसे वायु सेना के रणनीतिक रूप से सबसे महत्वपूर्ण केंद्रों में गिना जाता है, क्योंकि यहां से भारत-पाकिस्तान सीमा करीब 220 किलोमीटर है। ​​वायुसेना ने अम्बाला में अपनी ‘गोल्डन ऐरोज’ 17 स्क्वॉड्रन  शुरू कर दी है, जो ​​बहुप्रतिक्षित राफेल लड़ाकू विमान उड़ाने वाली पहली इकाई होगी। ​​
राफेल की दूसरी स्क्वाड्रन पश्चिम बंगाल के हासीमारा केंद्र में तैनात होगी। ​​राफेल के आने से पहले ही उसकी मिटयोर मिसाइल पहले ही अंबाला पहुंच जाएंगी​। इस  मिसाइल की रेंज करीब 150 किलोमीटर है जो हवा से हवा में मार करने के मामले में दुनिया के सबसे घातक हथियारों में गिनी जाती है​। राफेल फाइटर जेट लंबी दूरी की हवा से सतह में मार करने वाली स्कैल्प क्रूज मिसाइल और हवा से हवा में मार करने वाली माइका मिसाइल से भी लैस है​​​।
पूर्वी लद्दाख की वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत-चीन की सेनाओं के बीच तनातनी शुरू हुई है तब से भारतीय वायुसेना पूरी तरह अलर्ट पर है और वायुसेना को किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए मात्र आठ मिनट में तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं। वायुसेना ने आसमान में लड़ाकू विमानों की तैनाती करने के बाद स्वदेश निर्मित एयर डिफेंस सिस्टम ‘आकाश’ को भी तैनात कर दिया है।
वायुसेना ने एलएसी पर नजर रखने के लिए लद्दाख में लड़ाकू विमान मल्टी रोल कम्बैक्ट, मिराज-2000, सुखोई-30एस और जगुआर तैनात किये हैं। इसके अलावा चिनूक हेलीकाप्टरों को लद्दाख में तैनात सैनिकों को खाद्य और रसद सामग्री पहुंचाने में लगाया गया है। पूर्वी लद्दाख सेक्टर में भारतीय सेना के जवानों को हवाई सहायता प्रदान करने के लिए अमेरिकी अपाचे हेलीकॉप्टरों को उन क्षेत्रों के करीब के इलाके में तैनात किया गया है, जहां जमीनी सैनिकों द्वारा कार्रवाई की जा रही है।
दूसरी तरफ चीनी वायु सेना ने तिब्‍बत और शिन‍जियांग प्रांत में स्थित हवाई ठिकानों पर फाइटर जेट, बमवर्षक विमान, ड्रोन और अन्‍य विमान तैनात किए हैं। चीनी एयरफोर्स के शिनजियांग में होटान और काशगर, तिब्‍बत में गरगुंसा, ल्‍हासा-गोंग्‍गर और शिगत्‍से में एयरबेस हैं। इन एयरबेस में से कुछ नागरिक हवाई अड्डे के रूप में काम करते हैं। चीन ने होटान एयरबेस पर 35 से 40 जे-11, जे-8 और अन्‍य फाइटर जेट को तैनात किए हैं।
इसके अलावा कुछ निगरानी करने वाले अवाक्‍स व‍िमान और हथियारबंद ड्रोन विमान भी तैनात किए हैं। काशगर में चीन ने 6 से लेकर 8एच-6के बमवर्षक विमानों को तैनात किया है।पीएलए के एयरफोर्स को ऊंचाई वाले इलाकों की वजह से भी नुकसान उठाना पड़ रहा है क्योंकि इससे उनकी हथियार और ईंधन ले जाने की क्षमता पर बहुत बुरा असर पड़ता है।

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