मार्च,29,2024
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चीनी जासूसी में गिरफ्तार स्वतंत्र पत्रकार राजीव शर्मा को HC से मिली जमानत

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गिरफ्तारी के 60 दिनों से ज्यादा बीत जाने के बावजूद चार्जशीट नहीं हुई दाखिल 

नई दिल्ली, देशज न्यूज। दिल्ली हाईकोर्ट (HC) ने चीन से जासूसी करने के आरोप में जेल में बंद स्वतंत्र पत्रकार राजीव शर्मा (journalist Rajeev Sharma) को जमानत (grants bail) दे दी है। जस्टिस अनु मल्होत्रा की बेंच ने एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत देने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में आरोपित के गिरफ्तार होने के 60 दिनों से ज्यादा बीत जाने के बावजूद चार्जशीट दाखिल नहीं की गई, इसलिए आरोपित डिफॉल्ट जमानत का हकदार है।
कोर्ट ने पिछले 2 दिसम्बर को फैसला सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट ने राजीव शर्मा को संबंधित एसएचओ को अपना मोबाइल नंबर और पता उपलब्ध कराने का आदेश दिया। कोर्ट ने राजीव शर्मा को अपने मोबाइल का लोकेशन हमेशा ऑन रखने का निर्देश दिया। कोर्ट ने राजीव शर्मा को बिना कोर्ट की अनुमति के दिल्ली-एनसीआर नहीं छोड़ने का आदेश दिया।
सुनवाई के दौरान राजीव शर्मा की ओर से वरिष्ठ वकील अदीश सी अग्रवाल, आदित्य सिंह और अक्षत गोयल ने कोर्ट से कहा था कि राजीव शर्मा के खिलाफ झूठा केस दर्ज किया गया है। एफआईआर में प्रथम दृष्टया कोई अपराध का होना नहीं पाया गया है। उन्होंने कहा था कि राजीव शर्मा के पास से जो भी दस्तावेज बरामद किए गए हैं वे सामान्य दस्तावेज हैं और उनका आफिशियल सिक्रेट्स एक्ट से कोई लेना-देना नहीं है। जिन 79 दस्तावेजों को गुप्ता रक्षा दस्तावेज कहा गया है उन्हें रक्षा मंत्रालय की पुष्टि के बिना ही गोपनीय दस्तावेज कह दिया गया। उन्होंने कहा कि एफआईआर में किसी भी मंत्रालय का नाम नहीं है। उन्होंने कोर्ट से उन दस्तावेजों को खुद देखने का आग्रह किया था।
दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट के सेशंस जज ने 21 अक्टूबर को राजीव शर्मा की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। एडिशनल सेशंस जज धर्मेंद्र राणी ने कहा कि आरोप काफी गंभीर हैं और जांच अहम मोड़ पर है, इसलिए जमानत नहीं दी जा सकती है। ट्रायल कोर्ट ने कहा था कि आरोपित के परिजनों के व्यवहार से ऐसा लगता है कि वे गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसी कोशिश चिंताजनक है। आरोपित के पास से संवेदनशील दस्तावेज बरामद हुए हैं जिसके बदले उन्हें पैसे भी मिले। विदेशी एजेंट के साथ संबंध आरोपित की इस दलील को खारिज करने के लिए पर्याप्त हैं कि वो निर्दोष हैं।
इससे पहले मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट पवन सिंह राजावत ने 29 सितम्बर को राजीव शर्मा की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा था कि अगर आरोपित को रिहा किया गया तो वो जांच को प्रभावित कर सकता है। मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने कहा था कि एक स्वतंत्र प्रेस लोकतंत्र का चौथा खंभा होता है। एक पत्रकार चौथे खंभे का एक महत्वपूर्ण ईंट होता है। अगर लोकतंत्र के सभी खंभे दृढ़ता और विकास के लिए काम करें तो लोकतंत्र की जड़ों को हिलाना मुश्किल होता है, लेकिन अगर एक पत्रकार लोकतंत्र हिलाने का काम करने लगे तो ये स्वतंत्र प्रेस के लिए एक काला दिन होता है। मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने कहा था कि आरोपित का कबूलनामा और उसके पास से मिले साक्ष्यों पर गौर करने पर प्रथम दृष्टया आफिशियल सिक्रेट्स एक्ट की धारा 3,4 और 5 का उल्लंघन करता पाया गया है।
राजीव शर्मा को 14 सितम्बर को दिल्ली के जनकपुरी से गिरफ्तार किया गया था। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के मुताबिक राजीव शर्मा को आफिशियल सिक्रेट्स एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया था। उनके पास से रक्षा संबंधी गोपनीय दस्तावेज बरामद किया गया था। याचिका में कहा गया था कि राजीव शर्मा का समाज से गहरा नाता है। राजीव शर्मा की पत्नी वेंकटेश्वर कॉलेज में प्रोफेसर हैं। ऐसे में आरोपित के भागने की कोई संभावना नहीं है। राजीव शर्मा की निशानदेही पर एक चीनी महिला और एक नेपाली मूल के व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था। इन दोनों पर आरोप है कि वे राजीव शर्मा को फर्जी कंपनियों के जरिये पैसा मुहैया कराते थे।

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